बिहार विधानसभा में मंगलवार को मृतक डॉक्टर की नियुक्ति से लेकर सिविल सर्जन के पद तक की बात सामने आई। शून्यकाल शुरू होते ही राजद विधायक राकेश रोशन ने सदन में मामला उठाया और कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है।
इससे पहले, जैसे ही विधान परिषद में कार्यवाही शुरू हुई, राजद के सुबोध कुमार ने बताया कि शेखपुरा में तैनात सिविल सर्जन की फरवरी में ही कोरोना से मौत हो गई थी। इस पर मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि लापरवाही के लिए संबंधित अनुभाग अधिकारी और अन्य से जवाब तलब किया गया है।
वहीं, विधानसभा में राजद विधायक ने सदन में आरोप लगाया कि रामनारायण राम, जो बिक्रमगंज के चिकित्सा अधिकारी थे, का निधन हो गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी आदेश में, मृतक को शेखपुरा का सिविल सर्जन बनाया गया है। यह एक गंभीर मसला है। स्वास्थ्य विभाग की संपूर्णता उजागर हुई है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए।
गौरतलब है कि रोहतास के बिक्रमगंज पीएचसी में तैनात डॉक्टर रामनारायण राम का फरवरी के महीने में निधन हो गया था। इसके बाद, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 मार्च को शेखपुरा को सिविल सर्जन बनाने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई।