कोसी क्षेत्र को भागलपुर से जोडऩे वाले 4.7 किलोमीटर लंबे विक्रमशिला सेतु को उसपर बने 16 बड़े-बड़े गड्ढों से खतरा हो गया है। एक-एक फीट तक के गड्ढों से भारी वाहनों के गुजरने से पुल के जोड़ और पायों पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
इसकी वजह से सेतु के ज्वाइंट्स, उसके रड और एंगल के कमजोर होकर टूटने का खतरा बढ़ गया है। पुल पर बने असंख्य छोटे-बड़े गड्ढों के कारण ट्रकों के गुल्ले अक्सर टूटते रहते हैं। इसकी वजह से आए दिन 30 से 40 किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। देखरेख और रखरखाव नहीं होने के कारण पुल दिनों-दिन जर्जर होता जा रहा है।
एक-एक फीट तक उछल जाते हैं ट्रक : चालक बताते हैं कि इन गड्ढों के ऊपर से गुजरने से लोडेड ट्रक भी एक-एक फीट तक उछल जाते हैं। दो पहिया वालों के लिए तो यह जानलेवा है।
19 जगहों पर उखड़ चुकी है सड़क : जीरोमाइल से नवगछिया की ओर जाने पर बायीं तरफ में पूरे पुल पर 19 जगहों पर सड़क उखड़ चुकी है। इस वजह से सड़क से सारे ज्वाइंट करीब आधा फीट ऊपर निकल आए हैं। इन जगहों पर छोटे-बड़े वाहन उछल जाते हैं। पुल के हर ज्वाइंट के पास डेढ़ गुणे दो फीट के लोहे के होल लिड लगाए गए हैं। इनमें से 29 के ढक्कन खराब हो चुके हैं। किसी में एक फीट गहरा गड्ढा हो गया है तो किसी के मोटे रड निकले हुए हैं।
एक ही तरफ है स्ट्रीट लाइट : पूरे पुल पर एक ही तरफ स्ट्रीट लाइट लगी हैं। इससे दूसरी ओर की दृश्यता कम या बिल्कुल नहीं रहती है। इसकी वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं।
कुछ नियम
- – पुल पर कहीं भी ब्रेकर नहीं होना चाहिए।
- – फुटपाथ हमेशा सड़क से ऊंचाई पर होनी चाहिए
- – वाहनों को पुल पर किसी भी सूरत में पार्क नहीं किया जाना चाहिए।
- – पुल के दोनों तरफ से प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्य बातें
- – देखरेख नहीं होने के कारण जर्जर होता जा रहा है कोसी क्षेत्र को भागलपुर से जोडऩे वाला सेतु
- – 08 से 12 इंच गहरे, डेढ़ फीट लंबे और दो फीट चौड़े गड्ढे हो गए हैं विक्रमशिला सेतु पर
- – 86 ज्वाइंट्स में से 58 के समीप गड्ढे, इनमें 16 हैं जानलेवा
- – 19 जगहों पर उखड़ गई है सड़क
- – 01 फीट से ज्यादा ऊंचे उछल जाते हैं इन स्पाट पर भारी वाहन
- – अनगिनत छोटे-छोटे गड्ढे हैं पूरे पुल पर
किसी भी स्ट्रक्चर पर बार-बार तेज दबाव पडऩे से उसमें फैटिग स्ट्रेस (तनाव) बढ़ता है। इससे धातु धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है और उसके टूटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में सेतु के ज्वाइंट्स, उसके रड और एंगल टूट सकते हैं। – निर्मल कुमार, स्ट्रक्चरर इंजीनियर सह पू्र्व प्राचार्य, भागलपुर कालेज आफ इंजीनियरिंग