अब सभी प्रकार के सरकारी अनुबंधों के लिए चरित्र प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। जी हां आपने सही सुना दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी ठेके जारी करने के मामले में एक बड़ा फैसला लिया है। अब बिहार में कोई भी ठेका लेने से पहले ठेकेदार को एसपी कार्यालय से जारी चरित्र प्रमाण पत्र जमा करना होगा। इसके बाद ही उन्हें ठेका दिया जाएगा। मशहूर रूपेश कुमार सिंह हत्याकांड के बाद सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को एक बैठक आयोजित की गई थी, मुख्य रूप से ठेकेदारों को दिए जाने वाले चरित्र प्रमाण पत्र पर, जिसमें यह निर्णय लिया गया है। जल्द ही इस बारे में सभी विभागों को आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
आपको बता दें कि बैठक में डीजीपी एसके सिंघल और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आमिर शामतानी भी मौजूद थे। बैठक के बाद, मुख्य सचिव ने कहा कि सभी प्रकार के सरकारी अनुबंधों में, ठेकेदार को अनिवार्य रूप से चरित्र प्रमाण पत्र दिखाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि चरित्र प्रमाण पत्र लेने की यह परंपरा पहले से मौजूद है। लेकिन, अब इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। चरित्र प्रमाण पत्र की भी जांच की जाएगी।
दरअसल, बिहार में ठेके को लेकर हुए विवाद में अनगिनत लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बड़े से लेकर छोटे ठेकेदार और इंजीनियर ऐसे विवादों के शिकार हुए हैं। अनुबंध में हत्या का खेल नया नहीं है। 90 के दशक में शुरू हुआ यह खूनी खेल आज भी कमोबेश जारी है। पिछले दशक में इसे नियंत्रित किया गया था लेकिन यह बंद नहीं हुआ। कई गिरोह ठेके में वर्चस्व बनाए रखने के लिए खूनी खेल खेलने से बाज नहीं आते हैं।
कॉन्ट्रैक्ट विवाद में एमपी से एमएलसी के रिश्तेदार मारे गए। राज्यसभा सांसद रजनी रंजन साहू के भतीजे की संविदा विवाद में मौत हो गई थी। विपिलेश प्रसाद सिंह, बंसत कुमार, महेश शर्मा, दिनेश सिंह ने सीपीडब्ल्यूडी के अनुबंध में ही कई जानें गंवाई हैं। पिछले साल ही छठ के बाद नालंदा के पावापुरी ओपी में पूर्व एमएलसी कपिल देव सिंह के भतीजे दिनेश सिंह की बदमाशों ने हत्या कर दी थी। इंजीनियर भी अपराधियों के निशाने पर रहे हैं। वर्ष 2019 में, सहायक अभियंता अमीरुल्लाह अंसारी को पटना के अनिसाबाद में गोली मार दी गई थी। हालांकि, इससे पहले भी कई इंजीनियरों को निशाना बनाया जा चुका है।
आपको बता दें कि सीधे लोगों के साथ संविदात्मक सगाई के प्रकार में, ठेकेदार के चरित्र प्रमाण पत्र के साथ-साथ वहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को अनिवार्य कर दिया गया है। जिनके पास चरित्र प्रमाण पत्र नहीं है, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे अनुबंधों में बस स्टॉप, पार्किंग, सब्जी गर्म आदि शामिल हैं। इसमें लोगों का ठेकेदार के कर्मियों से सीधा संपर्क होता है। इसमें सभी श्रमिकों को ठेकेदार द्वारा पहचान पत्र देना होगा और सरकार उनके पहचान पत्र की भी जांच करेगी।