सहरसा: शहर के पालिटेक्निक मैदान में आयोजित गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन यूथ एक्सपो आयोजित की गयी। पहली बार गायत्री शक्तिपीठ द्वारा महायज्ञ के दौरान युवाओं के करियर के लिए उन्हें सांस्कृतिक व नैतिक मूल्यों से अवगत कराने के लिए यूथ एक्सपो का आयोजन प्रेरक रहा। सुबह में हवन यज्ञ के बाद दिन में पंडाल में बैठे युवाओं को संबोधित करते हुए शांतिकुंज हरिद्वार से आए विनय केसरी ने कहा कि वही व्यक्ति युवा है जिनकी देह में शक्ति तथा मस्तिष्क ठंडा हो।
खगडिया से आए अमित ने कहा कि साधन के सहारे ही साध्य तक पहुंचा जा सकता है। यज्ञ, हवन साधन है साध्य तक पहुंचाने का। युवाओं की उर्जा को सही दिशा देने का काम गायत्री शक्तिपीठ द्वारा किया जा रहा है। युवाओं को जाब एचीवर नहीं जाब क्रियेटर होना चाहिए। डा. कल्याणी सिंह ने युवाओं से कहा कि ट्यूशन की जितनी आवश्यकता होती है, उतनी जरूरत नहीं है। खुद से पढ़े और खुद से समझे। युवाओं के लिए सबसे जरूरी है स्टडी मैनेजमेंट। प्राध्यापक डा. रामनरेश सिंह ने युवाओं से अंतरचेतना का आकलन करने को कहा। युवाओं के अंतरचेतना में ही भारत का मूल्य छिपा है।
गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टी डा. अरूण कुमार जायसवाल ने कहा कि खुद को जानना, समझना जरूरी है। युवाओं को खुद ही अपना आत्मपरीक्षण करना चाहिए। गुलाब के पेड़ में कमल नहीं खिलाया जा सकता। इसीलिए खुद को जाने बगैर आकलन नहीं किया जा सकता। डा. रेणु सिंह ने कहा कि अध्यात्म का धर्म का नहीं चरित्र निर्माण का अंग है। सिडिकेट सदस्य प्रो. गौतम कुमार ने कहा कि आज के युवा भविष्य के राष्ट्र निर्माता है। यूथ एक्सपो में बडी संख्या में विभिन्न स्कूल व कालेज के छात्र- छात्राएं मौजूद थे।
हवन यज्ञ में श्रद्धालुओं का लगा रहा तांता : गायत्री महायज्ञ में शुक्रवार की सुबह से ही हवन यज्ञ पूजन का कर्मकांड कराया गया। शांतिकुंज हरिद्वार से आए प्रतिनिधि विनय केसरी, त्रिलोचन साहू ने संगीत व मंत्रों से देवी देवताओं का आह्वान कर हवन यज्ञ कराया। हवन यज्ञ के बाद कई बच्चों का विधारंभ संस्कार कराया गया।