जाली दस्‍तावेजों के सहारे सहरसा में आठ करोड़ के लोन का घपला, दलालों-बैंक अफसरों पर केस

अनुदान का लालच देकर करीब आठ सौ दलितों-महादलितों के हस्ताक्षर जमीन के जाली दस्तावेजों पर करवाकर यूनियन बैंक से 8 करोड़ रुपये लोन निकालकर गबन कर लिया गया। इस आरोप से संबंधित एफआईर सदर थाने में मंगलवार को दर्ज की गई। केस में बैंक के तत्कालीन अधिकारियों के अलावा अमित जायसवाल और बाना ठाकुर के नाम दर्ज हैं। सुलिंदाबाद गांव के पीड़ित ग्रामीण अमित और बाना को बैंक का दलाल कह रहे हैं।

सदर थानाध्यक्ष जयशंकर प्रसाद ने बताया कि पीड़ित लोगों के आवेदन पर बिचौलिया सहित बैंक अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसी बैंक के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि लोन 2013-15 के बीच निकाले गए। बैंक ने आंतरिक जांच भी शुरू कर दी है। जांच पूरी होने पर ही कुछ कहा जा सकता है।

कुछ दिनों पूर्व एक साथ पंचायत के सैकड़ों लोगों को लोन सेटलमेंट का नोटिस मिला तो हड़कंप मच गया। किसी को एक लाख तो किसी को डेढ़ लाख रुपये लोन सेटलमेंट करने का नोटिस मिला। शनिवार को ये सभी पीड़ित लोक अदालत में अपने मामले को लेकर पहुंचे। पीड़ितों का कहना है कि लोन में हम लोगों को कई एकड़ जमीन का मालिक बताया गया है, जबकि अधिकांश पीड़ित भूमिहीन दलित और महादलित हैं। जाहिर है, लोन निकालने के लिए जाली दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

लोक अदालत के दौरान शनिवार को बाना ठाकुर पीड़ितों को दिखा। लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। लोगों ने कहा, कोई लोन लिया ही नहीं तो सेटलमेंट का नोटिस कैसे मिला। आरोप लगाया कि बाना ठाकुर को दबोचने के बाद बैंक के अधिकारी वहां से निकल गए। मंगलवार को एफआईआर के बाद पुलिस ने बाना को जेल भेज दिया है।

साजिश

पीड़ित सुलिदाबांद पंचायत के लोगों ने बताया कि रहुआ निवासी बाना ठाकुर यूनियन बैंक की शाखा से अनुदान दिलाने के नाम पर कई कागजात ले गया था। उसने कई कागजात पर हस्ताक्षर भी करवा लिये थे। एक दिन सभी को बैंक बुलवा कर खाता खोलने के नाम पर कई फार्म पर भी दस्तखत करवा लिया।

शिकायत तो करते

एलडीएम आरके पांडे ने बताया कि लोगों को बैंक में भी आवेदन देना चाहिए। हालांकि मामले की जानकारी ली जा रही है। उसके बाद मामला संबंधित को भेजा जाएगा। source-hindustan