बिहार पंचायत चुनाव के पांचवें चरण के साथ नया इतिहास कायम, मतगणना में भूल की गुंजाइश शून्य

पटना : बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान पांचवें चरण की मतगणना संपन्न होने के साथ ही मंगलवार को नया इतिहास कायम हुआ। अब मतगणना के दौरान भूल की गुंजाइश शून्य हो गई है। दुनिया में पहली बार मतगणना में ईवीएम मशीन के मतगणना की गिनती भौतिक रूप के साथ ही साफ्टवेयर के माध्यम से कराई गई। राज्य निर्वाचन आयुक्त डा. दीपक प्रसाद ने बताया कि पंचायत चुनाव के पांचवें चरण की मतगणना में पहली बार आप्टिकल कैरेक्टर रिकागनिशन (ओसीआर) साफ्टवेयर का प्रयोग किया गया। इस साफ्टवेयर के माध्यम से मतगणना में जुटे लोगों के साथ ओसीआर का भी इस्तेमाल किया गया। साफ्टवेयर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है, जो ईवीएम के सभी आंकड़ों को बिना किसी मानवीय सहायता के लिखित दस्तावेजों में बदल देता है।

कैसे काम करता है ओसीआर

साफ्टवेयर से अब मतों की गिनती पूरी तरह से पारदर्शी हो गई है। ओसीआर साफ्टवेयर से ईवीएम से होने वाली गिनती में हर प्रत्याशी का नाम और उसको प्राप्त मत का दस्तावेज तैयार हो जाता है। साथ ही जिस ईवीएम के मत की गिनती की जाती है उसकी संख्या भी दर्ज कर लेता है। ऐसे में कोई भी प्रत्याशी मतगणना हाल से बाहर भी चला जाता है तो उसे यह साफ्टवेयर एक-एक मतों की जानकारी दे देगी।

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कोई व्यक्ति किसी भी प्रत्याशी को मदद नहीं कर सकता

उन्होंने बताया कि मतगणना हाल में भी कोई व्यक्ति किसी भी प्रत्याशी को मदद नहीं कर सकता है। साफ्टवेयर का उपयोग चौथे चरण में शुरू हुआ था। चौथे चरण में 18 जिलों के 87 ग्राम पंचायत सदस्यों के मतों की गिनती में इसका प्रयोग किया गया था। पांचवें चरण में मंगलवार को 31 जिलों के 1591 ग्राम पंचायत सदस्यों और 549 मुखिया पदों की मतगणना में प्रयोग किया गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि बिहार पंचायत आम चुनाव में पहली बार बायोमीट्रिक मशीन से वोटरों का सत्यापन और ओसीआर साफ्टवेयर का प्रयोग किया गया।