बिहार में देरी से क्यों पहुंचा मानसून? ये है वजह
राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में बुधवार की देर रात हुई मानसूनी बारिश ने भीषण गर्मी से राहत दिलाई।
बिहार में मानसून की तारीख पक्की, इस तारीख से भारी बारिश का अलर्ट; पढ़ें मौसम का पूर्वानुमान
अब धीरे-धीरे बिहार के हर जिले में भारी बारिश होगी।
बिहार में मानसून आने में देरी क्यों हुई?
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल मानसून 31 मई से बंगाल की खाड़ी इस्लामपुर में रुक गया था। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया था कि 20-22 जून के आसपास मानसून आएगा। यह सही साबित हुआ।
पिछले 10 सालों में मानसून की क्या स्थिति रही?
पिछले 10 सालों के दौरान राज्य में मानसून के आगमन और मानसून सीजन में बारिश के आंकड़े अलग-अलग रहे। 10 सालों के दौरान राज्य में तीन बार मानसून अपने मानक तिथि 13 जून को ही पहुंचा था। 2019-21 के दौरान राज्य में सामान्य से अधिक बारिश हुई। वहीं, 2023 में मानसून समय पर पहुंचने के बाद कमजोर पड़ गया। इस वजह से राज्य में सामान्य से 23 फीसदी कम सिर्फ 760 मिमी बारिश दर्ज की गई।
ला-नीना के प्रभाव से अच्छी बारिश के आसार
बिहार समाचार: मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक एसएन थूल के अनुसार, इस वर्ष यदि सभी स्थितियां अनुकूल रहीं तो सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। ला-नीना के प्रभाव से अच्छी बारिश के आसार हैं। वहीं, पर्याप्त बारिश के लिए बंगाल की खाड़ी में दबाव, हवा का प्रभाव, ट्रफ क्षेत्र का विकास समेत अन्य भौगोलिक कारक भी हैं। यदि इन चीजों में कमी आती है तो बारिश का अनुपात कम हो जाता है।
भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार, देश में 1 जून से 30 सितंबर तक का समय मानसून सीजन माना जाता है। 10 वर्षों में मानसून के दौरान बारिश की स्थिति पर प्रभात रंजन की रिपोर्ट।