बिहार में चक्रवात यस का असर खत्म हो गया है। हालांकि, इसके प्रभाव के बाद बारिश के बाद नमी की मात्रा काफी बढ़ गई है, जो गर्मी बढ़ने पर गरज-चमक के लिहाज से बेहद खतरनाक है। वहीं, मानसून के 13 जून को बिहार पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने पिछले साल बिहार में मानसून के प्रवेश के मानक समय में बदलाव किया है। इसके लिए राज्य में चार ग्रिड प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं। इसके मुताबिक पहले मानसून की पहली बारिश पूर्णिया में 13 जबकि पटना और गया में 16 पहुंचने की संभावना है. छपरा में मानसून की पहली बारिश 18 तारीख को होगी। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा के मुताबिक, यस चक्रवात के कारण मानसून का प्रसार बढ़ गया है। इसके एक-दो दिन में केरल तट से टकराने की संभावना है।
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एक दशक बाद, 2020 में मानसून समय पर आ गया वर्ष 2019 तक मानसून के बिहार पहुंचने का मानक समय 12 जून था। वर्ष 2011 में बिहार में पहली बार 17 जून 2012, 15 जून 2013, 19 जून 2014, 15 जून 2015, 18 जून 2016, 22 जून 2017, 17 जून 2018, 25 जून को बारिश हुई थी। और 25 जून, 2018। 2019 में भी, हवा के चक्रवात ने मानसून को बुरी तरह प्रभावित किया और जून के अंत में, मानसून ने बिहार में अपना असली रंग दिखाया। जबकि 2020 में 13 जून को मानसूनी बादलों की बारिश हुई थी। रविवार को राज्य के अन्य हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि पटना, गया समेत अन्य हिस्सों में धूप निकलने से अधिकतम पारा चढ़ेगा। पटना में भी दिन में धूप खिली रही लेकिन शाम को बादल छाए रहे।
मौसम विभाग ने कहा- सतर्क रहें : – नेपाल के तराई क्षेत्र के निचले इलाकों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश के साथ बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मौसम खराब होने पर लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। पूर्वी यूपी और उसके आसपास बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी यूपी और उसके आसपास की ओर शिफ्ट हो गया है।