विश्वकर्मा पूजा 2021: पितरों की श्रेणी में आते हैं बाबा विश्वकर्मा, इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी पूजा, जानिए मुहूर्त

शहर में विश्वकर्मा पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दो साल बाद कोरोना काल से उबरने के बाद इस बार दुनिया के शिल्पकार जगतपूज्य भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से की जाएगी. इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी।

ज्योतिर्विद पं. सचिन कुमार दुबे ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार बाबा विश्वकर्मा पूर्वजों की श्रेणी में आते हैं। सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश के साथ ही पितरों का पृथ्वी पर आगमन माना जाता है। वह हमारी भक्ति से प्रसन्न होकर हमें धन, वंश और आजीविका का आशीर्वाद देते हैं। वास्तु, निर्माण या यांत्रिक गतिविधियों से जुड़े लोग अपने शिल्प और उद्योग के लिए देवशिल्पी की पूजा करते हैं।

इस दिन मशीनों की सफाई की जाती है और उनकी पूजा की जाती है और कल कारखाने बंद रहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने द्वारका और भगवान कृष्ण की नगरी लंकापुरी का निर्माण कराया था। सुबह से ही सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इस समय पूजा वर्जित है क्योंकि राहुकाल सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे के बीच है। बाकी की पूजा किसी भी समय की जाएगी।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join