ग्राम सचिव सचिवों की सेवा अब 60 वर्ष की आयु तक होगी। पंचायती राज विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही आदेश जारी कर दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि राज्य की सभी 8387 पंचायतों में ग्राम अदालतों का गठन किया जा चुका है। ग्राम न्यायालयों के बेहतर प्रबंधन और इसके दस्तावेजों को बनाए रखने के लिए सचिव को सभी में तैनात किया गया है। न्यायालय सचिवों का चयन पांच वर्षों के लिए किया जाता है। नियुक्ति के बाद, उनकी सेवा अवधि भी बढ़ा दी गई है, लेकिन अब उन्हें केवल 60 वर्षों तक ही सेवा दी जाएगी। नियुक्त किए गए लोग 60 वर्ष की आयु तक सेवा करते रहेंगे। साथ ही, जिन्हें आगे के रिक्त पदों पर चुना जाएगा, वे भी 60 वर्षों में सेवानिवृत्त होंगे। इसके साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
750 पद खाली
वर्तमान में, राज्य में लगभग 750 न्यायालय सचिवों के पद रिक्त हैं। सेवानिवृत्ति की आयु पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद, रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए एक निर्देश जारी किया जाएगा। उन्हें प्रति माह छह हजार का मानदेय मिलता है। कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव में उनके ट्रांसफर के प्रावधान को लागू करने की चर्चा है। असंतोष या पक्षपात आदि की शिकायतें मिलने पर सचिवों का काम भी स्थानांतरित किया जा सकता है। अभी तक स्थानांतरण का कोई प्रावधान नहीं है। उनके स्थानांतरण पर अंतिम निर्णय संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लिया जाएगा।