सारण. जनकपुर में सीता स्वयंवर की कहानी आपने जरूर सुनी होगी. इसे हमने-आपने टेलिविजन धारावाहिकों मे देखी भी है. पर यह सतयुग की बात थी, लेकिन कलियुग में हम आज आपको दिखा रहे हैं एक अनोखी शादी, जहां रामायण काल की तरह ही दूल्हे के धनुष तोड़ने की परंपरा निभाई गयी. फिर वरमाला हुई और उसके बाद विवाह का विधि-विधान पूरा किया गया. सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत सबलपुर पूर्वी में एक शादी समारोह में कलियुग में दूल्हे ने शिव धनुष तोड़ा जिसके बाद कन्या ने वरमाला पहनाई. इस आयोजन में फर्क सिर्फ इतना था कि सतयुग के उस स्वयंवर मे बड़े-बड़े योद्धा थे परन्तु यहां दूल्हा फिक्स था.
दरअसल सारण जिले के सोनपुर प्रखंड अंतर्गत सबलपुर पूर्वी क्षेत्र में एक शादी समारोह के दौरान सतयुग के तौर पर धनुष स्वयंवर का आयोजन किया गया. सतयुग में जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने धनुष तोड़ कर माता सीता संग विवाह किया था. ठीक उसी तरह से स्वयंवर का आयोजन कलियुग में छपरा के सबलपुर पूर्वी में किया गया. लेकिन इस स्वयंवर में फर्क सिर्फ इतना था कि उस समय स्वयंवर मे बड़े-बड़े योद्धा थे. एक राजा, एक रानी थी.
यह शादी सारण जिले के छपरा कचहरी के अहमदपुर के धर्मनाथ राय के पुत्र अर्जुन कुमार के साथ सबलपुर पूर्वी पंचायत के मुंशी राय के पुत्री प्रियंका कुमारी की शादी की गयी. इस आयोजन को लेकर या शादी काफी चर्चा में आ गई है और सोशल मीडिया में वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
इस कोरोना काल में रची गयी स्वयंवर में लड़का धनुष को तोड़ कर लड़की के गले मे जैसे ही वर माला डाला वैसे ही फूलों की बरसात होने लगी. यह शादी धूमधाम से की गयी. लेकिन इस तथाकथित स्वयंवर देखने वालों की भीड़ इतनी थी कि स्वयंवर देखने के लिए सोशल डिस्टेन्स के साथ कोविड प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ाई गई.
कोरोना काल की गाइडलाइन की खुलकर धज्जियां उड़ाते हुए स्वयंवर का देखने के लिये दर्शक आकुल व्याकुल व बैचेन दिखे. यह अनोखी शादी देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ पड़ी कि स्वयंवर के समय सोशल डिस्टेन्सिंग की धज्जियां उड़ गयीं.