सहरसा। पूर्व मध्य रेल स्थित माल गोदाम पर कार्य कर रहे मजदूरों के चरित्र का सत्यापन होगा। इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के रेल सुरक्षा बल ने संबंधित पत्र जारी करते हुए माल गोदाम पर निबंधित संवेदक को कार्य करनेवाले मजदूरों के चरित्र का सत्यापन करने के बाद ही काम पर रखने का निर्देश दिया है। जिससे काम करनेवाले मजदूरों की पहचान हो सकें।
माल गोदाम पर काम करनेवाले मजदूरों की सूची न माल गोदाम अधिकारियों के पास है और न ही रेल सुरक्षा बल के अधिकारी के पास। जिससे यह पता नहीं चलता है कि काम करने वाले मजदूरों का चरित्र ठीक है या नहीं। चरित्र के सत्यापन से यह पता चल जाएगा मजदूरों के नाम व पता की जानकारी रेलवे के पास रहेगी। जिससे भविष्य में कोई अनहोनी या घटना होने पर संबंधित मजदूरों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। सहरसा रेल खंड में तीन- तीन रैक प्वाइंट है। सहरसा रेलवे स्टेशन माल गोदाम के अलावा गंगजला रेलवे ढाला समीप रैक प्वाइंट और सोनवर्षा कचहरी स्थित माल गोदाम है। जिससे हर माह लाखों रुपये का राजस्व रेल को प्राप्त होता है।
गंगजला रैक प्वाइंट पर कार्यरत लेबर ठीकेदार बेचन कुमार यादव ने पूछने पर बताया कि वह श्रमिक रेल से रजिस्टर्ड ठीकेदार हैं। वे कहते है कि इस रैक प्वाइंट पर करीब दस ठीकेदार हैं। जिसके अंडर में सैकड़ों मजदूर कार्य करते हैं। मजदूरों को मेहनतना हम देते हैं और हम व्यापारी से मजदूरों की मजदूरी लेते हैं। यही परंपरा यहां वर्षों से कायम है। यह पूछे जाने पर कि मजदूरों का अता- पता ठिकाना मालूम है कि नहीं इस पर उन्होंने कहा कि सब मजदूरों का रेकार्ड हमारे पास रहता है। मजदूर सब लोकल ही रहता है। रैक लगने की सूचना मिलने पर उसे बुलाते हैं और काम कराते हैं। सहरसा माल गोदाम एवं सोनवर्षा कचहरी पर भी सैकड़ों मजदूर काम करते हैं। जिसका लेखा जोखा लेबर सरदार के पास उपलब्ध रहता है।
मजदूरों के चरित्र की होगी पहचान
मजदूरों के चरित्र की पहचान के लिए ही यह निर्देश सबों को दिया गया है। माल गोदाम पर कार्यरत मजदूर ठीकेदार को यह जिम्मेवारी दी गयी है कि काम करनेवाले मजदूरों के चरित्र का सत्यापन कर उसकी सूची आरपीएफ को उपलबध कराएं। यह नियम पहले से ही है। इस नियम को धरातल पर लागू करने के लिए निर्देश दिया गया है। रेल क्षेत्र में अपराध रोकने में ही यह सहायक सिद्ध होगा। इससे मजदूरों की संख्या का भी पता चलेगा।
एके लाल, मंडल सुरक्षा आयुक्त, समस्तीपुर