#पूछताहैBIHAR..! बिहार में किसी को अपने वेलेंटाइन के लिए गर्दन काटनी पड़ी और किसी को फाँसी मिली; सवाल यह है कि जिम्मेदार कौन है..?

#पूछताहैBIHAR..! बिहार में किसी को अपने वेलेंटाइन के लिए गर्दन काटनी पड़ी और किसी को फाँसी मिली; सवाल यह है कि जिम्मेदार कौन है..?

वेलेंटाइन वीक में, प्रेम और अनुबंध के बीच कुछ जोड़े हैं, जो वियोग में हार मानने पर आमादा हैं। कईयों ने तो आत्महत्या भी कर ली है। ताजा मामला गया का है, जिसमें गुस्साए पत्नी के मामा से आहत पति ने उसकी गर्दन सड़क पर काट दी। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इससे पहले 4 फरवरी को, पटना में, एक ऐसी ही घटना में, पति को फाँसी पर लटका दिया गया था। कैमूर और कटिहार में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं। बदलती समाज में बदलती जीवनशैली को इस तरह की घटनाओं को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

पत्नी की वजह से गर्दन कट गई, हालत गंभीर:-

गया के मानपुर ओवरब्रिज के पास एक युवक सड़क किनारे तड़पता मिला। पहले तो लगा कि किसी ने उसकी गर्दन काटकर उसे मारने की कोशिश की है। सौभाग्य से, एक बाइक सवार उदय कुमार की नजर उस पर पड़ी। उसने मुफस्सिल थाने की पुलिस को सूचना दी। थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वह घायलों को अस्पताल ले गए, जहां उनका इलाज चल रहा है। अस्पताल में भर्ती घायल गया अपने मामा के पास यह कहकर गया था कि मुसहर टोली, मानपुर निवासी शैलेश मांझी की पत्नी कभी नहीं लौटेगी। इस दुःख में उसने अपनी गर्दन काट कर मरने की कोशिश की। घटना के बाद पुलिस ने खिजरसराय थाना क्षेत्र के कुड़वा में शैलेश की पत्नी से संपर्क किया। उसने बताया कि वह गर्भवती है और प्रसव के लिए मायके आई थी। मायके जाने से पहले दोनों में शुक्रवार को झगड़ा हुआ था।

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ऐसी कई घटनाएं बिहार में पहले भी हो चुकी हैं:-

बिहार में ऐसी कई और घटनाएं हुई हैं। 4 फरवरी को, पटना के नौबतपुर में भी, गुस्से में पत्नी के मायके चले जाने के बाद पति को फांसी पर लटका दिया गया था। पति के बार-बार फोन करने पर भी पत्नी उसके पास लौटने को तैयार नहीं थी। इस साल 21 जनवरी को कैमूर के अधौरा थाना क्षेत्र के बडपा गाँव में पति-पत्नी के झगड़े में दोनों ने आत्महत्या कर ली थी। पहले पत्नी की मौत जहर खाने से हुई, फिर पत्नी के वियोग में पति ने भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली। 24 सितंबर को कटिहार के विशारिया गांव में एक युवक राजू सिंह ने पत्नी के वियोग में फांसी लगाकर जान दे दी थी। उनकी पत्नी उनकी शादी के एक महीने बाद से उनके साथ नहीं रहना चाहती थी।

लोगों को अपने रिश्तों के महत्व को समझना चाहिए:-

सवाल यह है कि आजकल ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ी हैं? पटना के एक नैदानिक ​​मनोवैज्ञानिक डॉ। बिंदा सिंह कहते हैं कि आज लोगों ने सहन करने की क्षमता कम कर दी है। पारिवारिक सामंजस्य और सहिष्णुता कम हो गई है। बदलती जीवनशैली के साथ, तनाव की भावना में भी वृद्धि हुई है और पारिवारिक वातावरण में आक्रामकता बढ़ी है। लोग तुच्छ मामलों को लेकर उग्र होते जा रहे हैं। सहन करने की क्षमता कम हो जाती है। डॉ। बिंदा सिंह ने कहा कि झगड़े हर घर में होते हैं, लेकिन इस कारण आत्महत्या या हत्या मानसिक बीमारी है। लोगों को अपने रिश्तों के महत्व को समझना चाहिए।