नई शिक्षा नीति के तहत कई स्कूलों में सिलेबस की नई किताबें पहुंच गई हैं। इसको लेकर बड़े प्रकाशकों ने प्रेप से लेकर 11वीं तक की सभी किताबों पर 15 प्रतिशत दाम बढ़ा दिया है। किताब की खरीदारी करने में विद्यार्थियों के स्वजनों के पाकेट पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इसके कारण उनका मासिक बजट गड़बड़ हो रहा है।
प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के सभी तरह के ड्रेस पर भी 15 से 20 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है।शर्ट-पैंट, जूता-मोजा, टी-शर्ट, टाई आदि के दाम में बढ़ोतरी हुई है। छात्राओं के ड्रेस में भी उसी हिसाब से दाम बढ़ाया गया है। मोतीझील स्थित एक स्कूली बच्चों की ड्रेस बिक्री करने वाले दुकानदार ने बताया कि सूरत, मुंबई आदि मिलों से आने वाले कपड़ों पर दाम बढ़ा दिया गया है। डिमांड के हिसाब से कपड़े भी नहीं मिल रहे। बाजारों में कपड़ों की कमी होने की वजह से भी रेट में बढ़ोतरी की गई है।
बता दें कि एक अप्रैल से नई शिक्षा नीति लागू हो रही है। इसको लेकर प्राइवेट एवं सरकारी स्कूलों में इसकी तैयारी शुरू हो गई है। कुछ स्कूल संचालकों द्वारा छात्र-छात्राओं के स्वजनों को इसकी जानकारी दे दी है। प्रकाशकों द्वारा उपलब्ध कराई गई पुस्तकों की बिक्री शुरू कर दी गई है। मिठनपुरा स्थित बीपी इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल में किताब लेने के शाम तक भीड़ लगी रही।
उक्त स्कूल के निदेशक सुमन कुमार ने बताया कि किताबों का लिस्ट और कैलेंडर के साथ टाइम-टेबल जारी कर दिया गया है। अन्य स्कूल संचालक भी पुस्तक मंगवाकर छात्रों को शीघ्र उपलब्ध कराएंगे। होली मिशन सीनियर सेकेंड्री स्कूल के निदेशक सत्यप्रकाश ने बताया कि बाजारों में भी पुस्तकें उपलब्ध हैं। स्वजन स्कूल से लिस्ट प्राप्त कर बाजार से पुस्तक खरीद सकते हैं। जिनको पुस्तक लेने में परेशानी होगी उनको स्कूल से उपलब्ध करा दिया जाएगा।