बिजली संकट और बाढ़ की समस्या से जूझ रहे बिहार के लिए राहत भरी खबर है। कोसी के नेपाल वाले हिस्से में 1450 मेगावाट पनबिजली उत्पादन की संभावना तलाशी गई है। पनबिजली यूनिट एसजेवीएन (सतलज जलविद्युत निगम लिमिटेड) लगाएगी। नेपाल के साथ मिलकर शुरू होने वाले इस पनबिजली घर से न केवल बिहार को जरूरत के अनुसार बिजली मिलेगी बल्कि नियंत्रित मात्रा में पानी आने से कोसी से होने वाली तबाही और नदियों में गाद की समस्या भी कम होगी।
अभी कोसी नदी पर नेपाल में दो पनबिजली घर यूनिट पर काम चल रहा है। एक यूनिट 900 मेगावाट तो दूसरी 680 मेगावाट की है। इसका निर्माण एसजेवीएन ही कर रही है। इसी क्रम में हाल ही में अरुण कोसी में और पनबिजली घर लगाने की संभावना तलाशी गई। इसमें पाया गया कि अरुण कोसी पर दो पनबिजली घर लग सकते हैं। एक यूनिट 1000 मेगावाट की तो दूसरी 450 मेगावाट की लग सकती है। एसजेवीएन ने इन दोनों यूनिटों के लगाने पर अपनी स्वीकृति दे दी।
दो पनिबजली घर लगने की संभावना पाए जाने पर नेपाल ने एसजेवीएन के साथ काम करने की बात कही। अभी जो 1580 मेगावाट की पनबिजली घर पर काम चल रहा है, उसका निर्माण एसजेवीएन ही कर रही है। नई यूनिट 1000 मेगावाट में नेपाल सरकार ने भी काम करने की बात कही है। इसके लिए एसजेवीएन और नेपाल की बिजली कंपनी के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने की बात सामने आई है। इस यूनिट के बाद 450 मेगावाट की यूनिट पर काम शुरू होगा।
अरुण कोसी में पनबिजली घर की संभावना पाए जाने पर बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस मसले पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से इस मसले पर बातचीत की। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने एसजेवीएन को नेपाल के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने को कहा है। केंद्र से सैद्धांतिक सहमति मिलने पर एसजेवीएन ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दिया है। कागजी कार्रवाई के बाद पनबिजली घर को साकार करने की जमीनी प्रक्रिया शुरू होगी।
नेपाल से उत्पादित होने वाली बिजली बिहार के सीतामढ़ी से होकर ही देश के दूसरे राज्यों में जाएगी। बिहार से होकर जाने के कारण बिहार को जरूरत के अनुसार बिजली मिलेगी। इसके बाद ही देश के दूसरे राज्यों को बिजली मिलेगी। दोनों पनबिजली घरों के लिए क्षमता के अनुसार डैम बनेगा।
विदेश मंत्रालय के माध्यम से होगा पूरी प्रक्रिया
हालांकि यह पूरी प्रक्रिया विदेश मंत्रालय के माध्यम से ही होगी। विदेश मंत्रालय ने पत्र भेजकर कहा है कि विदेशों से होने वाली कोई भी बातचीत में केंद्र सरकार की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाए।
बरसात में होगा लाभ
बरसात के समय बिहार को अक्सर बिजली संकट का सामना करना पड़ता है। पनबिजली घर बरसात के समय पूरा बिजली उत्पादन करेगी। इससे बिहार को बरसात के समय पूरी बिजली मिलेगी। बाद के दिनों में जब बिहार के पास अतिरिक्त बिजली होगी तो वह नेपाल को दे सकेगा। इसके लिए बिजली कंपनी नेपाल सरकार के साथ पावर एक्सचेंज करार भी कर सकता है। पनबिजली घर बनने से कोसी के पानी को नियंत्रित तरीके से छोड़ा जाएगा। इससे कोसी से होने वाली तबाही कम होगी और नदियों में गाद की समस्या में भी कमी आएगी।
बिहार के ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, ‘पनबिजली घर लगने से बिजली संकट की समस्या दूर होगी। साथ ही उत्तर बिहार में कोसी से होने वाली तबाही भी कम होगी। बिहार सरकार इस परियोजना को पूरा करने के लिए पूरी कोशिश करेगी।’
Source-hindustan