नालंदा में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा उद्वह योजना का उनके सामने ट्रायल किया गया। जैसे ही गंगा जल घोड़ाकटोरा में बने जलाशय में पहुंचा इसे देख मुख्यमंत्री के चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी।
बता दें कि यहां पर 27 एकड़ भूमि को अधिग्रहित कर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं घोड़ा कटोरा जल संचय केंद्र का जायजा लिया। जल संचयन के लिए कुल 350 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है।
इस पूरे परियोजना पर 2600 करोड़ खर्च हो रहा है। इस मौके पर उन्होनें कहा कि साल 2019 में इस परियोजना की शुरुआत की गयी थी। मोकामा के पास से इसे यहां तक लाया गया है। बरसात के समय चार महीने तक पानी लेकर स्टोरेज किया जाएगा। इसके बाद इसे प्यूरीफाई कर घरों व अन्य जगहों पर सप्लाई किया जाएगा।
दरअसल, सरकार के ड्रीम प्रोजेक्टों में शुमार गंगा उद्वह योजना का काम अंतिम चरण में है। 11 मई को ड्राई रन तो 15 मई को ट्राई रन सफल रहने के बाद अधिकारियों व कर्मियों का उत्साह चरम पर है।
मोकामा से गिरियक के घोड़ाकटोरा में बना जलाशय में गंगाजल पहुंच चुका है। अब राजगीर, गया, बोधगया और नवादा के घरों में गंगाजल पहुंचना बाकी है। सीएम के आने के पूर्व नवादा एवं नालंदा जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के चाक चौबंद किए गए थे।