पटना : बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा परिणाम को अविलंब क्लीयर करने को लेकर अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर शुक्रवार को अभियान चलाया। इस परीक्षा से राज्य के 13120 पदों पर राज्य के लगभग 42 विभागों में कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी है। आयोग की ओर से वर्ष 2014 सितंबर तक आवेदन लिए गए थे। सात वर्ष बीत जाने के बाद भी आयोग की ओर से इसका अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ। इस परीक्षा को जल्द क्लीयर करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने #clear_bssc_vacancy_13120_posts अभियान चलाया।
अभ्यर्थियों का कहना था कि वर्ष 2014 में आवेदन लेने के बाद एक बाद पीटी परीक्षा आयोजित की गई। प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद कर दी गई। इसके बाद परीक्षा वर्ष 2018 में आयोजित हुई। इस परीक्षा में साढ़े चार लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वर्ष 2020 में इसका मुख्य परीक्षा आयोजित हुई। इस मुख्य परीक्षा में लगभग 55 हजार अभ्यर्थी सफल हुए। सफल अभ्यर्थियों का शारीरिक दक्षता परीक्षा, टाइपिंग व आशुलेखन परीक्षा करा लिया गया। अब काउंसिलिंग के लिए लोग लगातार डिमांड कर रहे है। लेकिन, आयोग की ओर से अब तक अधिकारियों अधिसूचना नहीं जारी की गई है।
मानसिक तनाव से गुजर रहे अभ्यर्थी
प्रतियोगी परीक्षा विशेषज्ञ डा. एम रहमान ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष व सचिव से अविलंब काउंसिलिंग की सूची जारी करने की मांग की है। उन्होंने शारीरिक दक्षता वाले सीटों के लिए ढाई गुना तथा टाइपिंग में दो गुना अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में बुलाने की मांग की है। राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलिप कुमार ने कहा कि बीएसएससी के कारण आज हजारों छात्र मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। बीएसएससी के अधिकारी कोई सुनने को तैयार नहीं हैं। छात्रों की परेशानी को देखते हुए आयोग को अविलंब काउंसिलिंग सूची जारी करने की मांग की है।