बिहार में बाढ़ से बचाव के लिए सरकार ने बनाया प्लान, स्थानीय कामगरों की दी जाएगी ये जिम्मेदारी

जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि मौसम के व्यवहार में हो रहे बदलाव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस वर्ष बिहार में बाढ़ की अवधि पहली जून से 30 अक्टूबर तक मानी जाएगी।

साथ ही जल संसाधन विभाग एक जून से ही बाढ़ संघर्षात्मक कार्यों की शुरुआत करेगा। पिछले वर्षों में यह कार्य 15 जून से शुरू होता था।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 की बाढ़ अवधि में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार तटबंधों की सतत निगरानी के लिए होमगार्ड की जगह हर किलोमीटर पर स्थानीय कामगारों को रखा गया था। वे तटबंधों पर पेट्रोलिंग करते थे। पहल से फायदा यह हुआ कि कहीं भी रिसाव आदि के होने पर त्वरित कार्रवाई करते थे।

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इससे न केवल बाढ़ के कुशल प्रबंधन में सहायता मिली, बल्कि स्थानीय पंचायतों से लगभग चार हजार लोगों को बाढ़ अवधि में रोजगार भी मिला। इस वर्ष भी हम बाढ़ अवधि में तटबंधों की निगरानी के लिए स्थानीय कामगारों की सहायता लेंगे।

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि सुपौल जिले के वीरपुर में भौतिकीय प्रतिमानन केंद्र (फिजिकल माडलिंग सेंटर) के निर्माण से बाढ़ प्रबंधन एवं सिंचाई योजनाओं के लिए नदियों का अध्ययन कम खर्च और समय में हो सकेगा। अभी रिवर माडलिंग स्टडी पुणे से कराने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं और काफी समय लगता है।

दरभंगा हवाईअड्डा के चारों ओर रिंग बांध पर पीसीसी सड़क : संजय झा ने बताया कि दरभंगा हवाईअड्डा परिसर में बरसात में जलजमाव की स्थिति बन जाती थी। यह आशंका बनी रहती थी कि पानी कहीं रनवे पर न पहुंच जाए। गत वर्ष दरभंगा हवाईअड्डा के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ तथा जलजमाव से सुरक्षित करने के लिए योजना बनाने का निर्देश जल संसाधन विभाग को दिया था।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर दरभंगा हवाईअड्डा के चारों ओर जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित रिंग बांध पर पीसीसी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। परिसर से जल की निकासी के लिए एंटी फ्लड स्लुईस गेट का भी निर्माण कराया जा रहा है।

बैठक में लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने अपने विभाग द्वारा कराए गए कार्यों की जानकारी दी और कहा कि बाढ़ से सुरक्षा के लिए जो भी कार्य उनके विभाग से संबंधित होंगे, उन्हें अन्य विभागों के साथ पूर्ण तालमेल बिठाकर तत्परता से पूरा कराया जाएगा।ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज कुशवाहा ने बताया कि उनके विभाग द्वारा ऐसी तैयारी की जा रही है, ताकि 2022 की संभावित बाढ़ के दौरान यदि कोई पथ खराब हुआ तो 48 घंटे के भीतर उसे परिचालन योग्य बना लिया जाएगा। इसके लिए संवेदनशील स्थलों पर जरूरी सामग्रियों का पर्याप्त भंडारण किया जा रहा है।