बिहार की इस जेल में बंद हैं पीएम मोदी की रैली में धमाका करने वाले, विशेष केंद्रीय कारा में बनाई जा रही थ्री लेयर सिक्योरिटी वाल

भागलपुर : आतंकियों और खूंखार बंदियों से भरे पड़े विशेष केंद्रीय कारा को अभेद्य बनाने के लिए पहले से खड़ी मजबूत दीवार के अलावा दो अतिरिक्त अभेद्य दीवार का निर्माण होगा। जेल के तृतीय खंड में रखे गए आतंकियों और खूंखार बंदियों को किसी भी संभावित आतंकी या उग्रवादी हमले से बचाव के लिए दोनों दीवार को तृतीय खंड तक जाने वाले एकमात्र गलियारे के दोनों तरफ से मोर्चाबंदी करते हुए दीवार का निर्माण होना है।

ताकि परिंदा भी पर नहीं मार सके। दोनों दीवार के बीच के गलियारे में बिहार सैन्य पुलिस के जवानों की थ्री लेयर सुरक्षा रहेगी। दीवार निर्माण की कवायद को लेकर जेल अधीक्षक मनोज कुमार,जेल उपाधीक्षक राकेश कुमार सिंह त़तीय खंड का मौका मुआयना कर निर्माण कार्य को हरी झंडी दे दी है।

हुंकार रैली में सीरियल धमाके के सजायाफ्ता आतंकी भी हैं बंद :- पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को नरेंद्र मोदी के हुंकार रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाए चार आतंकियों इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी और मुहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी को विशेष केंद्रीय कारा के टी-सेल में रखा गया है। इनमें ब्लैक ब्यूटी को एनआइए कोर्ट के निर्देश पर फिलहाल दिल्ली में पेशी को ले जाया गया है।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join

जेल के अंदर अररिया के नरपतगंज निवासी अन्य खूंखार फांसी की सजा पाए बंदियों में मुहम्मद इरशाद, मुहम्मद तबरेज, और मुहम्मद दिलशाद शामिल हैं। दूसरे जिलों के कई हार्डकोर नक्सली, कुख्यात अपराधियों को भी इसी जेल में रखा गया है,

इनमें शिवनंदन बैठा, आदित्य रंजन, अमन पराशर उर्फ राणा, संदीप यादव समेत सीतामढ़ी, आरा, बक्सर, पटना, पूर्णिया, मधेपुरा, अररिया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय आदि जेलों से उनकी हरकत से आजिज हो वहां के डीएम-एसएसपी की अनुशंसा बाद इस जेल प्रशासनिक आदेश पर इस जेल में रखा गया है। वहां के जिलों में विधि-व्यवस्था के लिए खतरा बन चुके इन बंदियों को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं।

जेलकर्मियों की आवाजाही पर भी रहती पैनी नजर :- जेल आइजी के निर्देश पर विशेष केंद्रीय कारा के त़तीय खंड में जेल कर्मियों को भी वहां जाने के कारण जेल अधीक्षक को बताने पड़ते। अधीक्षक की इजाजत बाद ही वहां आवाजाही की जा सकती।

त़तीय खंड के आतंरिक ढांचे खासकर टी-सेल के इर्दगिर्द की गतिविधियों पर 24 घंटे शक्तिशाली सीसी कैमरे की निगरानी रहती है। जेल अधीक्षक के कक्ष से वहां की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है। अंदर जाने वाले जेलकर्मियों को भी सख्त तलाशी अभियान से गुजरना पड़ता है, तलाशी प्रक्रिया भी सीसी कैमरे में कैद रहती है।