नारायणपुर : प्रखंड के एलएनबीजे महिला महाविद्यालय भ्रमरपुर परिसर में रविवार को बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हुआ। इस दौरान छात्र व अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया।उसके बाद दक्षता परीक्षा स्थगित कर दी गई। बता दें कि प्रगति बाल विकास योजना के द्वारा मिनी आंगनबाड़ी के नाम पर नौकरी देने के लिए दक्षता परीक्षा का आयोजन किया गया था।
पहले प्रगति बाल विकास योजना के तहत मिनी आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के लिए इलाके में प्रचार-प्रसार किया गया था। उसमें प्रखंड समन्वयक, प्रेरक, सेविका, सहायिका की बहाली की जानी थी। इसके लिए दक्षता परीक्षा को पास करना अनिवार्य कर दिया था। दक्षता परीक्षा के लिए आफलाइन और आनलाइन फार्म भरवाया गया था। जिसमें 366 छात्रों ने आवेदन किया था।
सभी छात्रों से परीक्षा के नाम पर एक-एक हजार रुपये की वसूली की गई थी। तुलसीपुर की रुकसार बेगम कहती है कि इस संस्था में सेविका पद पर नौकरी देने के लिए प्रगति के रंजीत राम ने बीस हजार नकद लिया। तेलडीहा के रामचंद्र शर्मा, रायपुर की हेमलता कुमारी, जयरामपुर के रितेश चौधरी, भ्रमरपुर का गौतम गोङ्क्षवद मंडल, बिहपुर की दीपशिखा, नवगछिया की रंभा देवी, खरीक की आभा देवी, राजकुमार, बिरजू, कविता, सुनैना, कविता कहती है कि एक-एक हजार बाल विकास योजना के संचालक ने दक्षता परीक्षा के नाम पर लिया। सूचना मिलने पर नवगछिया अनुमंडल यतेंद्र पाल और बिहपुर थाना अध्यक्ष राज कुमार सिंह स्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की।
एसडीओ ने प्रगति बाल विकास योजना के पदाधिकारियों द्वारा परीक्षा लेने के बारे में और इस संस्था को किसने परीक्षा लेने का आदेश दिया इस बारे में जानकारी ली गई। एलएनबीजे महिला महाविद्यालय भ्रमरपुर के प्राचार्य प्रो. प्रभात रंजन ने बिना किसी प्रशासनिक अनुमति की परीक्षा लेने का आदेश बाल विकास योजना को दिया था। जो जांच का विषय है। प्रगति बाल विकास योजना के भागलपुर, मुंगेर क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार, प्रखंड समन्वयक रंजीत राम, पंचायत समन्वयक विक्रम पासवान, सुपौल के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेंद्र कुमार को हिरासत में लिया गया। मौके पर कई छात्रों ने मिनी आंगनबाड़ी के नाम पर बहाली करके दक्षता परीक्षा लेने का आरोप लगाते हुए बिहपुर थाना में आवेदन भी दिया है और रुपये वापस करने की मांग की।
मुंगेर, भागलपुर और बेगूसराय से परीक्षा देने आए थे छात्र
प्रगति बाल विकास योजना के द्वारा फर्जी तरीके से आयोजित किए गए दक्षता परीक्षा में मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर से छात्रा आए थे। पूछताछ में रंजीत राम ने पुलिस को बताया कि जुलाई में परीक्षा के लिए आवेदन लिया गया था। सभी से एक हजार रुपये भी लिया गया था। इस परीक्षा के लिए संस्था के देवेंद्र यादव को परीक्षा नियंत्रक बनाया गया था। इसकी मानीटरिंग देवेंद्र यादव कर रहे थे। एसडीएम को बताया गया कि सुपौल में इस संस्था के द्वारा 55 विद्यालय चल रहा है। इसके साथ सहरसा, मधेपुरा में भी विद्यालय चल रहा है।
क्या कहा एसडीएम ने
नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला फर्जीवाड़ा का लग रहा है। प्रगति बाल विकास योजना से संबंधित अन्य पदाधिकारी से पूछताछ की जा रही है। बिहपुर थानाध्यक्ष को इस बारे में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।