सूबे में औसत न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हुई है, जबकि औसत अधिकतम तापमान नीचे गिरा है। पटना मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से इस बार ठंड बढ़ने की स्थिति के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया है। जनवरी महीने में औसत न्यूनतम तापमन में .3 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जबकि औसत अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। यही वजह रही कि न्यूनतम तापमान बढ़ने के बावजूद लोगों ने ज्यादा ठंड झेली।
पिछले चार-पांच साल के जाड़े के मौसम के आकड़ों के विश्लेषण में सामने आया कि इस बार राज्यभर में महीने का औसत न्यूनतम तापमान .3 डिग्री तक ऊपर चढ़ा है। मौसमविदों का कहना है कि स्वभावत: न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी की वजह से ठंड में कमी आनी चाहिए थी। इसके उलट ठंड में इस बार बढ़ोतरी देखी गई। मौसम विभाग ने दोबारा अध्ययन कर पाया कि ठंड में बढ़ोतरी होने की विरोधाभास वाली स्थिति अधिकतम तापमान में गिरावट की वजह से हुई है। औसत न्यूनतम तापमान में जितनी बढ़ोतरी हुई, उतनी ही गिरावट औसत अधिकतम तापमान में हुई।
पश्चिमी देशों की तरह डिप्रेस्ड वेदर कंडीशन
इस जाड़े में डिप्रेस्ड वेदर कंडीशन ज्यादा बढ़ा है। ऐसा मौसम विशेषकर लंदन में ज्यादातर देखा जाता रहा है। ब्रिटेन में इस तरह के मौसम का नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ा है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक विवेक सिन्हा बताते हैं कि पश्चिमी विक्षोभ के बढ़े प्रभावों की वजह से राज्य में कई दिन बादल छाये रहे। जनवरी में मौसम की यह प्रवृत्ति कम रही है। इसके पीछे जलवायु परिवर्तन का भी असर है। बादलों के छाने पर ठंड की अनुभूति का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है।
जनवरी में कोल्ड डे ज्यादा
आंकड़े यह भी बताते हैं कि जनवरी में कोल्ड डे की स्थिति पिछले तीन-चार सालों से ज्यादा रही। अमूमन दिसंबर में तीन से चार दिन कोल्ड डे की परिस्थितियां रहती थीं, जबकि जनवरी में चार से पांच दिन। इस बार दिसंबर में एक-दो दिन कोल्ड डे रहा, जबकि जनवरी में दस से 12 दिन। इस वजह से भी ठंड में बढ़ोतरी की स्थिति रही। इस बार तापमान में ज्यादा गिरावट न आकर सामान्य से नीचे के तापमान के दिनों में बढ़ोतरी हुई है। यानी ऐसे दिन ज्यादा रहे, जब अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा।
Source-hindustan