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THIRD WAVE OF CORONA : बिहार में कोरोना टीकाकरण की क्या स्थिति है, अब तक कितनों को वैक्सीन दी जा चुकी है. साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या कितनी है. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की पूरी जानकारी राज्य की नीतीश सरकार को देने का आदेश दिया है. गुरुवार को हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने करोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही कार्रवाई की भी जानकारी मांगी है।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक और कई अन्य की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. अदालत ने राज्य सरकार को राज्य में टीकाकरण की स्थिति के बारे में राज्य को अवगत कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, बिहटा में डॉक्टरों, वार्ड बॉय, नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों के रिक्त पदों पर बहाली की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया था. राज्य सरकार से भी अस्पताल के बारे में पूरी जानकारी देने को कहा गया. गुरुवार को सुनवाई के दौरान अस्पताल प्रशासन की ओर से हलफनामा दाखिल नहीं किया जा सका. राज्य सरकार की ओर से हलफनामा भी दाखिल नहीं किया गया। इस कारण मामले की सुनवाई अगले सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इस मामले में संविदा पर बहाल चिकित्सकों की ओर से आवेदन देकर न्यायालय को बताया गया कि मानदेय में वृद्धि के संबंध में सरकार को दिये गये अभ्यावेदन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को डॉक्टरों द्वारा दाखिल अभ्यावेदन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया. साथ ही मामले पर अगली सुनवाई सोमवार 26 जुलाई को करने को कहा.
गौरतलब है कि अस्पताल में 247 स्वीकृत नर्सिंग पद हैं, लेकिन 56 ही कार्यरत हैं. शेष पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्य चलाने को कहा गया है। वहीं वार्ड ब्वॉय के 21 पद स्वीकृत पद हैं और 9 कर्मियों द्वारा कार्य किया जा रहा है. इसी तरह हाउसकीपिंग के 118 स्वीकृत पद हैं और 50 ही कार्यरत हैं। सुरक्षाकर्मियों के 87 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 18 ही कार्यरत हैं। प्रयोगशाला में 46 स्वीकृत पद हैं, लेकिन नौ ही कार्यरत हैं। एजेंसी को शेष सभी पदों पर कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है.