जातीय जनगणना पर होगी बात? दिल्ली पहुंचे सीएम नीतीश, अमित शाह संग कल होगी बैठक

नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार की शाम दिल्ली पहुंचे। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। बैठक में नक्सवाल की समस्या, प्रभावि इलाकों की स्थिति और वहां के विकास पर विस्तार से चर्चा होगी। मुख्यमंत्री बैठक में बिहार से संबंधित स्थिति और अपनी बातों को प्रमुखता से रखेंगे। माना जा रहा है कि जातीय जनगणना को लेकर सीएम नीतीश और अमित शाह के बीच चर्चा हो सकती है।

जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार की ना से बिहार में सियासी क्षत्रपों को निराशा हाथ लगी है। भाजपा के तमाम नेता अभी इसके विरोध में हैं, लेकिन पीएम से मिले प्रतिनिधिमंडल में वे भी शामिल थे। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा को सराहा है, लेकिन प्रतिनिधमंडल में शामिल नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रया दी है। इससे सूबे का सियासी तापमान चढ़ गया है।

जातीय जनगणना जरूरी : संजय झा

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जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा है कि हमें आज भी उम्मीद है कि जिस भावना को लेकर सभी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, उसका सम्मान करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से कुछ साकारात्मक पहल जरूर होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे को पिछले 30 वर्षों से उठाते रहे हैं। जातीय जनगणना जरूरी है और यह होना चाहिए। संजय झा शुक्रवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने बिहार में अतिपिछड़ा समाज के लिए जो काम किया है, वह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिहार में जहां पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों को सम्मान देने का काम किया, वहीं राजद ने 15 वर्षों के अपने शासनकाल में पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया। मौके रवीन्द्र्र ंसह व नवीन आर्य चन्द्रवंशी उपस्थित थे।

जनगणना पर फैसला होना बाकी : ललन

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि अभी जातीय जनगणना शुरू नहीं हुई है। ना ही इस पर कोई फैसला हुआ है। अभी केंद्र सरकार ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी है। इस पर फैसला होना बाकी है।

अपना रुख साफ करें सीएम : राजद

महागठबंधन के नेताओं ने कहा कि केन्द्र ने यह साफ कर दिया है कि वह जातीय जनगणना नहीं कराएगी। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मसले पर अपना स्टैंड साफ करना होगा। बिहार भाजपा को भी यह साफ करना होगा कि वह केन्द्र के रुख से असहमत है या सहमत। क्योंकि बिहार विस से इस संबंध में पारित प्रस्ताव पर उनकी सहमति थी। सीएम का रुख सामने आने के बाद महागठबंधन तय करेगा। महागठबंधन में शामिल सभी दलों के नेताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मसले पर बैठक की। बैठक के बाद तेजस्वी ने कहा कि बिहार विधानमंडल से इसका प्रस्ताव दो बार सर्वसम्मति से पारित हो चुका है। देश भर के 90 फीसदी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो। केंद्र सरकार नहीं चाहती है तो बिहार विधानमंडल से सर्वदलीय पारित करने वाले प्रस्ताव में बिहार भाजपा कैसे शामिल हुई। क्या बिहार भाजपा और केन्द्र की भाजपा अलग-अलग है? बताया कि महागठबंधन की बैठक में निर्णय हुआ कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर अपना और राज्य सरकार का रुख तीन दिनों में साफ करें।

भाजपा या जनता किसके साथ है जदयू : कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चैयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा उच्च न्यायालय को यह बताना कि सरकार जातीय जनगणना नहीं करा सकती है, अब जदयू को साफ करना चाहिए कि बिहार सरकार जातीय जनगणना के साथ है या मोदी सरकार के निर्णय के साथ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार से जातीय गणना के मुद्दों पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली गया था।

यह हाय-तौबा राजनीति से प्रेरित है : मनोज शर्मा

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि जातीय जनगणना कराने को लेकर जो हायतौबा मची हुई है, वह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। जनगणना को लेकर धारणा बनाने के बजाए कई पहलुओं पर काम करने की जरूरत है। यहां यह सवाल कभी नहीं किया जाता है कि इस आधुनिक आर्थिक विकास का फायदा वंचित व दमितों तक क्यों नहीं पहुंचता है? सामाजिक न्याय की राजनीति में प्राथमिकता यह रही है कि वंचित और दमित समाज के समान्य जन को इज्जत व सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल जाए।

Source-hindustan