राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पंचायतों, ब्लॉकों और शहरी स्थानीय निकायों के स्तर पर 8500 से अधिक भर्ती एजेंसियों में से केवल 1200 में ही प्रक्रिया अधूरी रह गई थी, इसे 17 जनवरी से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘विभिन्न कारणों से भर्ती प्रक्रिया में दो साल से अधिक की देरी हुई है। पहले कोर्ट के दखल से और जब विभाग की पहल पर यह मामला सुलझा तो पंचायत चुनाव को लेकर व्यवधान आया। विभाग के अनुरोध के बावजूद, भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति नहीं मिल सकी।’
मंत्री ने कहा कि वह संभावित उम्मीदवारों के बीच नियुक्ति पत्र प्राप्त करने की बेताबी से अवगत हैं, लेकिन सरकार के नियंत्रण से परे कारणों की वजह से हम इसे लेकर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा, इसके तुरंत बाद, हमारी प्राथमिकता सातवें चरण को शुरू करने की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक पंचायत में अपग्रेड उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से किसी में भी, जिसे सरकार ने बढ़ती मांग के अनुरूप सुधार के लिए खोला है, वहां शिक्षकों कमी ना हो।
चौधरी ने कहा, ‘छठे चरण में छूट गई नियुक्तियों को भी सातवें चरण में शामिल किया जाएगा। 2019 में एसटीईटी उत्तीर्ण करने वाले सभी उम्मीदवार इसके लिए योग्य होंगे। अब एक बार योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाला उम्मीदवार हमेशा, आयु सीमा को छोड़कर पात्र होगा।’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) संजय कुमार के साथ जिलाधिकारियों और विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। इसमें तीसरी लहर के मद्देनजर पारदर्शिता और सावधानियों के साथ नियुक्ति को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, ‘ये खाली पड़े पद 2019 के हैं और अब नई रिक्तियां भी होंगी। खाली पदों की संख्या का आकलन करने के बाद सातवें चरण की शुरुआत की जाएगी। अपग्रेडेड हायर सेकेंडरी स्कूलों को भी शिक्षकों की जरूरत है।’ सरकार ने इससे पहले पंचायत चुनाव को देखते हुए 29 जुलाई को अधिसूचना जारी करके स्कूल शिक्षक भर्ती कार्यक्रम को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया था।