Bihar News : – बिहार के लोगों को अब और अधिक देर तक बिजली मिल सकेगी। छोटे शहरों में भी बिजली कटौती की समस्या अब कम होगी। बिहार में एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी कंपनी (एनपीजीसी) के थर्मल पावर स्टेशन के 660 मेगावाट की तीसरी इकाई ने रविवार को 72 घंटे फुल लोड ट्रायल-रन आपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। यह केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के मानकों पर भी खरा उतरा है।
व्यवसायिक उत्पादन कभी भी शुरू किया जा सकता है। बिहार में बिजली की लगातार बढ़ती मांग को पूरी करने में इससे मदद मिलेगी। औरंगाबाद जिला में बारुण प्रखंड स्थित इस परियोजना से बिहार को 559 मेगावाट बिजली मिलेगी। एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि कुल 19,412 करोड़ की लागत से सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इस परियोजना की क्षमता 1980 मेगावाट है।
660-660 मेगावाट की दो इकाइयां यहां पहले से चालू हैं। तीसरी इकाई के चालू हो जाने के बाद बिहार को इस प्रोजेक्ट से कुल 1680 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने इसकी 84.8 प्रतिशत बिजली गृह राज्य बिहार को आवंटित की है। बाकी बिजली उत्तर प्रदेश, झारखंड और सिक्किम को आवंटित की गई है।
वाणिज्यिक उत्पादन भी जल्द होगा :- नवीनगर परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरके पांडेय ने बताया कि परियोजना की तीसरी इकाई के 72 घंटे फुल लोड ट्रायल-रन के साथ कमीशन किया गया। वाणिज्यिक उत्पादन भी जल्द शुरू हो जाएगा। इस प्रकार नवीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता 1320 से बढ़कर 1980 मेगावाट हो गई है। नवीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी के निदेशक सीतल कुमार के बताया कि टीम एनपीजीसी ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच इस लक्ष्य को जिस टीम भावना और जुझारूपन के साथ हासिल किया है, वह उपलब्धि के रूप में एनटीपीसी में अरसे तक याद रखा जाएगा।
क्या होता है ट्रायल रन :- बिजली प्लांट के किसी इकाई के ट्रायल-रन व कमीशनिंग करने का मतलब सीईआरसी के मानदंडों के तहत इसे इसके उच्चतम उत्पादन क्षमता पर लगातार 72 घंटे तक बिजली उत्पादन करना होता है।
एनटीपीसी से बिहार को अब मिलेगी 5921 मेगावाट बिजली :-एनटीपीसी ने बिहार में 76 हजार 246 करोड़ रुपये के निवेश से कुल छह संयंत्रों द्वारा 8410 मेगावाट की विद्युत स्थापित उत्पादन क्षमता हासिल किया है, जबकि 1320 मेगावाट की परियोजना निर्माणाधीन है।
अभी एनटीपीसी से बिहार को 5362 मेगावाट बिजली मिल रही है, जो इस यूनिट से मिलने वाली 559 मेगावाट के बाद बढ़कर 5921 मेगावाट हो जाएगी। एनपीजीसी के 660 मेगावाट की इस यूनिट के कमीशन के बाद एनटीपीसी की 76 विद्युत संयंत्रों में 33 से अधिक नवीकरणीय व जल विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। इनकी स्थापित क्षमता बढ़कर 68 हजार मेगावाट से भी अधिक हो जाएगी।