मुंगेर । दो दिनों से हवा के साथ हो रही तेज बारिश से मौसम का मिजाज बदला गया। 11 से 14 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही पूर्वा हवा ने मौसम को सर्द बनाया ,तो लेागों के घरों में चादर और कंबल निकल आए। मौसम विज्ञानी की मानें तो बीते दो दिनों में मुंगेर व आसपास के क्षेत्रों में लगभग 15 से 20 मिली मीटर बारिश हुई है। लगातार हो रही बारिश के कारण गांव से लेकर शहर तक जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। नगर के निचले इलाकों में जलजमाव के कारण लोगों को आने जाने में काफी कठनाईयों का समाना कराना पड़ा है। बुधवार को सुबह से दोपहर तक लगातार बारिश से जनजीवन भी अस्त व्यस्त रहा। स्कूल, कालेज से लेकर सरकारी कार्यालायों में भी लोगों की उपस्थिति कम देखी गई। मानसून की विदाई के बाद भी प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। फसल पर इसका असर पड़ा है। दरअसल, बंगाल की खाड़ी से निम्न दाब का प्रेशर बनने के कारण मानसून जाने के बाद भी अचानक ऐसी स्थिति आ गई।
धान के लिए फायदेमंद नहीं
तेज हवा के साथ लगातार हुई बारिश का नकारात्मक असर खेतीबारी पर पड़ा है। कृषि विज्ञान केंद्र के शस्य विज्ञानी डा. विनोद कुमार ने बताया कि बारिश के साथ तेज हवा के कारण धान का फसल गिर जाने व धान फूल पर बूंद की चोट के कारण भी इसके पैदावार पर असर पड़ा है। मैदानी क्षेत्र के दलहन एवं सब्जी की खेती को भी इससे नुकसान ही होगा। चौड़ क्षेत्र में जलजमाव के कारण रबी की बुआई में बिलंब से इसके उत्पादन पर भी बुरा असर ही होगा। इस बारिश से बस पहाड़ी क्षेत्र के दलहन फसल को ही फायदे होंगे।
नहीं बढ़ा है गंगा का जलस्तर
बारिश के मुंगेर में बुधवार को गंगा में कोई इजाफा नहीं हुआ है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों की अपेक्षा प्रति तीन घंटे पर एक सेंटीमीटर जलस्तर में गिरावट ही आई है। ऐसा मना जा रहा है कि भारी बारिश से उत्तराखंड पहाड़ों से गंगा में गिरने बाली बारिश के पानी के कारण गंगा के जलस्तर में इजाफा हो सकता है।