भागलपुर। आज हम आपको सुपौल की शिक्षिका स्मिता ठाकुर के बारे में बता रहे हैं। जो बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के लिए प्रसिद्ध हो चुकी हैं। बच्चों को भी इसमें खूब मन रहा है, मजा आ रहा है। मनोरंजन के साथ-साथ जानकारी मिल रही है। याद करने में कोई परेशानी नहीं होती। बच्चे खेल में भाग लेते हैं और सीख जाते हैं एक पाठ्यक्रम। आज उनकी चर्चा पढ़ाने की इस कला के कारण हर ओर हो रही है।
सुपौल जिले के पीपरा प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय सखुआ में प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं स्मिता ठाकुर। वे ना सिर्फ विद्यालय संचालन में दक्ष हैं बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई देने में भी उन्हें महारथ हासिल है। वे शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों का प्रयोग करती हैं। वे पढ़ाने के तरीकों का वीडियो बनाकर शेयर करती हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इससे लाभान्वित हो।
स्मिता ठाकुर ने कहा कि वे बोझिल तरीकों से बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते। रोज नए-नए प्रयोग करती हैं। उनका मानना है कि बच्चों को प्रयोग के माध्यम से पढ़ाना ज्यादा लाभकारी है। चेतना सत्र और अन्य शिक्षण काल में वे बिना किसी खर्च के मामूली संसाधन का प्रयोग कर कठिन से कठिन जानकारी सहज रूप में बता देती हैं। बच्चे भी आसानी ने उसे याद कर लेते हैं।
वीडियो हुआ वायरल
पिछले दिनों स्मिता ठाकुर का एक वीडियो वायरल हुआ। पढ़ाने के तरीके के इस अनोखे वीडियो को टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) ने अपने इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर पोस्ट किया था। जहां से इस वीडियो को लाखों लोगों ने देखा। खूब शेयर हुए। लोगों ने शिक्षिका के पढ़ाने के अंदाज की खूब प्रशंसा की। अच्छे-अच्छे कमेंट किए। लोगों ने पसंद किया।
टीओबी ने बनाया योग्य
स्मिता ठाकुर ने बताया कि टीचर्स ऑफ बिहार (TOB) ने उन्हें काफी योग्य बनाया है। यह एक ऐसा मंच है जो सरकारी विद्यालय के शिक्षक में गुणात्मक विकास करती है। टीओबी के फाउंडर शिव सर, खुशबू मेम और मृत्युंजय सर को वे जानती हैं। खुशबू मेम को ऊर्जा गृह है। वे लगातार हम सबको प्रेरणा देती हैं। उन्होंने कहा कि टीओबी जैसा मंच हरेक राज्य में अगर हो जाए तो देश में शिक्षा का स्वरूप और भी बेहतर हो जाएगा।
आइए बातते हैं वीडियो में क्या है
इस वीडियो में 10 छात्र-छात्राएं पंक्ति में खड़े हैं। सभी के हाथ में एक-एक कागज का पर्चा है। पहले छात्र के हाथ में जो पर्चा है उसमें गांव लिखा है। दूसरे के हाथ में पंचायत लिखा हुआ पर्चा है। तीसरे छात्र के हाथ में प्रखंड लिखा हुआ, चौथ के हाथ में अनुमंडल, पांचवें के हाथ में जिला, छठे के हाथ में प्रमंडल, सातवें के हाथ में राज्य, आठवें के हाथ में देश, नौवें के हाथ में महादेश तथा 10वें छात्र के हाथ में विश्व लिखा हुआ पर्चा है। शिक्षिका स्मिता ठाकुर एक-एक कर सभी छात्र-छात्राओं के पास जाकर बता रहीं हैं कि किस प्रकार गांव से विश्व का निर्माण हुआ। फिर सभी छात्रों को पर्चा पलटने को कहा जाता है। शिक्षिका स्मिता ठाकुर बताती हैं कि अब जो पर्चा में लिखा है वह यह दशर्ता है कि किस प्रकार आपका छोटा गांव सखुआ कैसे विश्व का हिस्सा
खेल से लगाव
विद्यार्थी काल से ही स्मिता ठाकुर का खेल से लगाव रहा है। कई बार उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स का बेहतर प्रदर्शन किया है। वे इसमें राष्ट्रीय मेडिलिस्ट हैं। वॉलीबॉल में बिहार राज्य का इन्होंने कई बार प्रतिनिधित्व किया है। बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी हैं। कहानी और कविताएं भी लिखती हैं। एनएसएस और नेहरू युवा केंद्र से जुड़ी रहीं। योग का भी इन्होंने प्रशिक्षण लिया है।
स्मिता ठाकुर को मिला है सम्मान
- शैक्षणिक योग्यता – अंगेजी विषय स्नातकोत्तर, बीएड
- 1919-20 में राजकीय शिक्षक सम्मान
- राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक पुरस्कार (2020)
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित पंडित जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम 2021 में नवाचारी शिक्षिका के रूप में सम्मानित
- टीओबी (TOB) ने की प्रशंसाप्राथमिक विद्यालय अराप, बिक्रम पटना के शिक्षक टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) के फाउंडर शिव कुमार ने शिक्षिका स्मिता ठाकुर को धन्यवाद दिया। उनके पढ़ाने के तरीकों को बेहतरीन बताया। कहा कि बच्चों को इस तरह पढ़ाने से वे काभी बेझिल नहीं होंगे। पढ़ाई में रूचि बढ़ेगी। खेल-खेल में अर्थात मनोरंजन करते हुए कठिन से कठिन जानकारी सहज रूप से बच्चे सीख जाएंगे। बिहार सरकार और शिक्षा विभाग भी इसी तरह पढ़ाई कराने के लिए लगातार शिक्षिकों को प्रशिक्षण दे रही है। शिव कुमार ने कहा कि प्रभारी प्रधानाध्यापिका स्मिता ठाकुर को टीओबी सम्मानित करेगी।
- टीओबी की स्टेट टीम लीडर भागलपुर District Mentor खुशबू कुमारी की स्मिता ठाकुर ने प्राशंसा करते हुए कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार को उन्होंने काफी सजाया और संवारा है। इसे समृद्ध बनाया. खुशबू मेम लगातार सभी से जुड़ी रहती हैं। शिक्षकों को मार्गदर्शन करती हैं। खुशबू कुमारी ने भी शिक्षिका स्मिता ठाकुर के बारे में बताते हुए कहा कि तकनीक आधारित शिक्षा देना ही इनकी पहचान है। बच्चे इनके पढ़ाए हुए पाठ्यक्रम को कभी नहीं भूलते। खुशबू कुमारी मध्य विद्यालय बलुआचक, प्रखंड जगदीशपुर, जिला भागलपुर की शिक्षिका हैं।
- शिक्षिका ने टीओबी को दिया धन्यवादशिक्षिका स्मिता ठाकुर ने टीचर्स ऑफ बिहार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकारी विद्यालय के शिक्षकों का एक ऐसा मंच है, जहां शिक्षिकों की गतिविधियों को लोगों के सामने लाया जाता है। शिक्षक एक-दूसरे से जुड़कर बहुत कुछ सीखते हैं। ज्ञान का आदान-प्रदान होता है। शिक्षकों की रचनाओं, पढ़ाने के तरीकों आदि को लगातार यहां प्रमोट किया जाता है। शिक्षक टीओबी के इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर आनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों को घर बैठे भी पढ़ाते हैं। स्मिता ठाकुर ने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) के फाउंडर शिव कुमार ने उन्हें लगातार मागदर्शन किया गया है।
- स्मिता ठाकुर ने कहा कि शिक्षक को भी हमेशा पढ़ाई करते रहना चाहिए। लिखने की आदत कभी नहीं छूटे। पढ़ाई में तकनीक का सहारा लें। रोचक तरीकों से पढ़ाएं। खुद को नई जानकारी के साथ अपडेट रखें।
- स्कूल में भी रही चर्चाइस वीडियो के वायरल होने और लाखों लोगों को देखने की चर्चा मध्य विद्यालय सखुआ में भी होती रही। शिक्षक सुजीत कुमार झा, वीरेंद्र कुमार, देवनंदन मेहता, संतोष कुमार, पिंटू कुमार, लक्ष्मी कुमारी, संजय कुमार यादव ने अपनी प्रभारी प्रधानाध्यापिका स्मिता ठाकुर को धन्यवाद दिया है। प्रभारी प्रधानाध्यापिका स्मिता ठाकुर के कारण मध्य विद्यालय सखुआ की भी ख्याति बढ़ी हुई है।
- काश! विद्यालय में संसाधनों की कमी नहीं होतीशिक्षिका स्मिता ठाकुर ने कहा कि मेरे विद्यालय मध्य विद्यालय सखुआ में संसाधन की भारी कमी है। वर्ग प्रथम और अष्टम तक की पढ़ाई यहां होती है। 755 छात्र-छात्राएं यहां नामांकित हैं। यहां मात्र आठ शिक्षक हैं। मात्र 30 बेंच और 30 डेक्स है। छात्र की आवश्यकता के अनुसार कक्ष नही है। शौचालय और पेयजल की बेहतर व्यवस्था नहीं है। विद्यालय में खेल साम्रगी नहीं है। आनंदशाला कक्ष भी नहीं है। यहां के शिक्षक शिक्षण अधिगम सामग्री के माध्यम से बच्चों को पढ़ाते हैं।
- स्मिता ठाकुर (वार्ड नंबर चार, सखुआ, पीपरा) जिला सुपौल की ही रहने वाली हैं। उनके पति ज्योतिष कुमार झा (शिक्षक, कन्या मध्य विद्यालय, पीपरा, सुपौल) हैं। इनकी पढ़ाई लिखाई खगडि़या जिला से हुई है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से इन्होंने स्नातक (अंग्रेजी) और स्नातकोत्तर (अंग्रेजी) में किया।
- इनके पिताजी विद्यानंद ठाकुर (सेवानिवृत जल कल निरीक्षक, पीएचइडी, सहरसा) और माता सुधा कुमारी (शिक्षिका) हैं। स्मिता ठाकुर का मायके सहरसा के रहुआ गांव में है।