यहां आज भी जिंदा है शादी में रेडियो गिफ्ट करने की परंपरा, सीएम नीतीश कुमार ने कई घरों में दिए थे ट्रांजिस्टर

कोचाधामन (किशनगंज) : दूर संचार के क्षेत्र में आई क्रांति व गांव-गांव में बिजली पहुंच जाने के बाद जन जन तक सोशल मीडिया, इंटरनेट व टेलीविजन के दस्तक दिए जाने के बाद रेडियो का क्रेज जरूर घटा है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में आज भी रेडियो का संसार बसा हुआ है। रेडियो सुनने के शौकीन लोग आज भी रेडियो पर समाचार, किसान चौपाल, लोक गीत, फिल्मी गीत, नाटक, खेल कूद व अन्य कार्यक्रम बड़े चाव से सुनते हैं।

वर्ष 2010-11 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महादलितों को संवाद से जोड़ने एवं रेडियो को गरीबों के लिए सूचना का सशक्त माध्यम मानते हुए मुख्यमंत्री महादलित रेडियो योजना का शुभारंभ कर महादलित परिवारों के बीच मुफ्त में रेडियो का वितरण करवाए थे। वहीं गांव को डिजिटल इंडिया से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रेडियो से जुड़ गए हैं। रेडियो के माध्यम से आकाशवाणी पर नियमित अंतराल में मन की बात कार्यक्रम के तहत लोगों के समक्ष अपने विचारों को रख रहें हैं।

रेडियो के शौकीन कन्हैयाबाड़ी निवासी सूविन्द्र ठाकुर, धनसोना के महफूज आलम, अनार कली के हैदरुज्जमा का कहना है कि आज से ढाई दशक पूर्व शादी-विवाह के शुभ अवसर पर दुल्हन पक्ष की ओर से दुल्हा पक्ष को भले कुछ देते या न देते लेकिन उपहार स्वरूप रेडियो जरूर देते थे। परंतु वर्तमान परिवेश में अधिकांश लोगों का झुकाव दूर संचार के अन्य संसाधनों में होने के बावजूद भी रेडियो के शौकीन लोग घर में रेडियो जरूर रखते हैं और इसे सुन कर आनंद उठाते हैं। यह एक बिना किसी मासिक खर्च और प्लान के सुनकर देश दुनिया से जुड़े रहने का साधन है।

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