भागलपुर में कोरोना मरीजों के घर पर पहुंच रही डाक्‍टरों की टीम, अब तक 600 मरीजों की जांच

भागलपुर। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का हालचाल जानने चिकित्सक घर-घर जा रहे हैं। सिविल सर्जन द्वारा गठित चिकित्सकों की टीम अभी तक छह सौ घरों में दस्तक दे चुके हैं। चिकित्सकों को अभी तक एक भी गंभीर मरीज नहीं मिला है। अधिकांश कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज गर्म पानी-काढ़ा पीकर ठीक हो जा रहे हैं। कुछेक मरीज को ही सरकारी दवा की आवश्यकता पड़ी है। कुछ मरीजों ने बुखार कम करने के लिए पारासिटा मोल का इस्तेमाल किया है। आयुष चिकित्सक डा. अमित शर्मा ने बताया कि जितने भी मरीज की जांच की गई है, एक भी गंभीर नहीं मिला है।

घर-घर जा रहे चिकित्सक, नहीं मिल रहे गंभीर मरीज, – 600 से अधिक घरों में दस्तक दे चुकी है चिकित्सकों की टीम, कोरोना वायरस संक्रमित मरीज अपने आप हो जा रहे हैं स्वस्थ

 

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पाजिटिव मरीज को लानी पड़ रही दवा

कोरोना पाजिटिव मरीजों को खुद दवा लानी पड़ रही है। इस बार मरीज के घर तक दवा पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिन मरीजों की आरटीपीसीआर जांच हुई, उनके पते पर पटना से दवा डाक द्वारा भेजी जा रही है, लेकिन जिन्होंने एंटिजन जांच कराया है, उन्हें दवा लेने सदर अस्पताल जाना पड़ रहा हे। सदर अस्पताल के ओपीडी के काउंटर नंबर पांच पर कोरोना मरीजों को दवा दी जाती है। दवा लेने के लिए काफी कम संख्या में मरीज आ रहे हैं।

सर्दी-खांसी होने पर ले रहे दवा

कोरोना वायरस संक्रमण के डर के कारण सर्दी-खांसी होने के साथ ही लोग अजिथ्रोमाइसिन व सीनारेस्ट खरीद कर खा रहे हैं। इस मौसम में चिकित्सकों के यहां कम भीड़ लग रही है, जबकि दवा दुकानों में लाइन लग रही है। मांग अधिक होने की वजह से सीनारेस्ट की कीमत तीन गुना हो गई है। चिकित्सकों का कहना है कि बिना सलाह के कोई भी दवा लेना शरीर के लिए नुकसानदेह है। सर्दी-खांसी के मरीज तीन दिनों में अपने आप ठीक हो जा रहे हैं।