बिहार में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है, एक ही दिन में दोगुने हो गए मरीज, इन अस्पतालों में मिले नए मामले

गुरुवार को पटना के दो अस्पतालों में दो नए काले कवक के मरीज पाए गए हैं। इनमें पटना एम्स में एक और आईजीआईएमएस में एक शामिल है। इस प्रकार अब तक कुल आठ काले कवक के रोगी सामने आए हैं। ऐसे मरीजों की संख्या अब बढ़ रही है। अब, कुल काले कवक रोगियों को एम्स में, दो को आईजीआईएमएस में और दो को रूबन में भर्ती किया गया है।

आईजीआईएमएस में जो तीन नए मामले आए हैं, उन्हें फिलहाल डॉक्टर संदिग्ध बता रहे हैं। हालांकि, डॉक्टर यह भी कह रहे हैं कि तीनों के लक्षण काले कवक हैं। जांच के बाद इसकी पुष्टि की जाएगी। वहीं, IGIMS में संदिग्ध पाए जाने वाले मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है।

आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ। मनीष मंडल ने कहा कि गुरुवार को एक काले कवक के रोगी की पुष्टि की गई है। वह पहले से ही शुगर का मरीज था। बाद में कोरोना से संक्रमित हुए। मरीज की हालत अब स्थिर है। वहीं, रूबन के प्रशासनिक निदेशक डॉ। संतोष कुमार ने कहा कि रूबन में भी दो काले कवक के मरीज भर्ती हैं। पिछले दो तीन दिनों से उनका इलाज चल रहा है।

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आईजीआईएमएस के नेत्र विभाग के प्रमुख डॉ। विभूति ने कहा कि जब काली कवक आंख को पकड़ती है, तो रोगी की आंख की पुतली गिर जाती है। मरीजों की आंखों में गंभीर लालिमा होती है और रोशनी गायब होने लगती है। ये सभी लक्षण काले कवक के ही होते हैं, लेकिन जब तक कवक की पूरी जांच नहीं हो जाती तब तक किसी के बारे में पुष्टि नहीं की जा सकती है। कोरोना से उबरने के बाद, मरीज़ काली फफूंद के शिकार हो रहें हैं।