हरियाणा में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों, अंकुश लगाने, नाइट कर्फ्यू और एक अन्य लॉकडाउन के डर ने गुरुग्राम के हजारों प्रवासियों को पलायन को मजबूर कर दिया है। खाने-पीने और पैसों के बिना फंसे होने के डर से प्रवासी अपने गांवों के लिए निकल रहे हैं, जो कि मुख्य रूप से गुरुग्राम के उद्योगों में कार्यरत हैं। गुरुग्राम के राजीव चौक से ऐसे बहुत से प्रवासी मजदूर अपने परिवार सहित अपने घर जाने के लिए निकल पड़े हैं। प्राइवेट बस चालकों ने इंडस्ट्रियल एरिया सेक्टर 37, मानेसर और राजीव चौक पर बसें लगा दी हैं जहां से ये मजदूर पलायन कर रहे हैं। इसमें अधिकतर लोग यूपी और बिहार के हैं।
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बता दें कि अकेले मानेसर से ही 1.5 लाख कर्मचारियों में से लगभग 10 प्रतिशत ने इस सप्ताह के अंत में उद्योग को छोड़ दिया है।अब उद्योगपति भी इस बात से परेशान हैं कि अगर श्रमिक गए तो उनके उधोग कैसे चलेंगे। इस बीच उद्योगपति के.के. गांधी और दीपक मैनी ने प्रवासी मजदूरों के पलायन से संकट खड़ा होने की बात कही है।
पिछले साल का सता रहा डर
पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तो गुरुग्राम से प्रवासी श्रमिक अपने आप पैदल ही अपने घरों को जाने को मजबूर हो गए थे और इन्होंने हजारों किलोमीटर का सफर तय किया था। उस वक़्त इन मजदूरों की तस्वीरों ने सभी को झकझोर दिया था। अब दुबारा से ऐसे हालात न हों इसकी आहट भर से ही ये मजदूर अपने घरों को पलायन करने लगे हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये ही है कि अगर ये श्रमिक गए तो हरियाणा के उद्योग कैसे चलेंगे।
Source-news18