मुजफ्फरपुर। बिहार सरकार के प्रमुख घटक दलों में से एक जनता दल यूनाइटेड एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 खत्म होने के बाद से ही खुद पर काम शुरू कर दिया था। उस चुनाव के दौरान सामने आई कमजोरी को दूर करने के लिए शीर्ष से नीचे के स्तर तक बदलाव भी किए गए। समन्वय स्थापित करने के लिए भी कई कदम उठाए गए।
बावजूद समय-समय पर पार्टी के अंदर की दरारें बाहर झांकने लगती हैं। शीर्ष स्तर के नेताओं के बयानों में अंतर तो कई बार सार्वजनिक भी हो चुके हैं। अब एक ऐसा ही मामला मुजफ्फरपुर में देखने को मिला है। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
दरअसल, शुक्रवार को जदयू जिला अध्यक्ष मनोज कुमार किसान व संगठन प्रभारी रंजू गीता ने झंझारपुर के सांसद के साथ कुछ नए लोगों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। सामान्य स्थिति में तो यह बहुत ही अच्छी बात थी। क्योंकि यह दावा किया गया कि इस आयोजन में करीब 500 लोगों ने जदूय की सदस्यता ली है, लेकिन इस आयोजन की वजह से ही विवाद शुरू हो गया है।
अब यह कहा जाने लगा है कि प्रदेश व जिला इकाई के सुर एक नहीं हैं। केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने सीएम नीतीश कुमार के जन्मदिन से सदस्यता अभियान चलाने की घोषणा की थी। बाद में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश कार्यालय से भी इसे अभी नहीं शुरू करने की बात कही गई। इसके बाद भी मुजफ्फरपुर में कथित तौर पर सदस्यता ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया।
इस बात को लेकर विवाद शुरू होने के बाद अब डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश चल रही है। पार्टी की जिला प्रभारी व पूर्व विधायक रंजू गीता ने दावा किया कि वह आयोजन मिलन समारोह था। इसमें शामिल होने वाले लोगों को प्राथमिक सदस्यता दिलाई गई।
वहीं इस आयोजन पर सवाल उठाते हुए पार्टी के प्रदेश सचिव व जदयू चिंतन शिविर के संयोजक रंजीत साहनी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का आदेश है कि किसी भी तरह का सदस्यता अभियान तय समय सीमा के पहले नहीं चलाया जाएगा। बावजूद इस तरह का आयोजन किया जाना आदेश का उल्लंघन ही है। यह पार्टी के हित में नहीं है।
पार्टी में कौन लोग शामिल हुए? उनकी राजनीतिक, सामाजिक पहचान क्या है? इसके बारे में अभी तक आयोजकों की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। रंजीत सहनी ने कहा कि यदि कुछ लोग पार्टी में शामिल होना चाह रहे थे तो पार्टी कार्यालय में उन्हें सदस्यता दिलाना चाहिए था। इस तरह का आयोजन करना कहीं से उचित नहीं है ।
इससे कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष, मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष को इस स्थिति से अवगत कराएंगे। नियमों का हवाला देते हुए रंजीत सहनी ने कहा कि वैसे भी कोई भी आयोजन हो तो उसमें जिला के पदाधिकारी व प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को भी सूचित करना चाहिए था। जो नहीं किया गया।
वहीं दूसरी ओर इस संबंध में जदयू के जिला अध्यक्ष मनोज किसान ने कहा कि कोई सदस्यता अभियान नहीं चलाया गया है। पार्टी की ओर से एक मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। उसमें 500 लोगों को सदस्यता दिलाई गई। जदयू की संगठन प्रभारी पूर्व विधायक रंजू गीता ने भी बताया कि पार्टी की ओर से मिलन समारोह का ही आयोजन था।
उसमें जो लोग शामिल हुए उन्हें नियम के हिसाब से प्राथमिक सदस्यता दिलाई गई है। रंजू गीता ने स्वीकार किया कि आयोजन के बैनर में सदस्यता समारोह लिखा था। संगठन प्रभारी ने कहा कि जदयू का हर स्तर पर विस्तार हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम को देखते हुए हर क्षेत्र के लोग पार्टी संगठन में आ रहे हैं।