52 नियोजन इकाई के 300 अभ्यर्थी के भविष्य का सवाल:पूर्णिया में शिक्षक नियोजन मामले में जांच को ले बनी टीम, एक सप्ताह में देना होगा रिपोर्ट

पूर्णिया में पंचायत शिक्षक नियोजन में पूर्व नियोजित शिक्षकों की अनुशंसा रद्द करने के मामले में अब तीन सदस्यीय टीम जांच करेगी। बुधवार को डीएम राहुल कुमार ने अपर समाहर्ता लोक शिकायत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। जांच टीम में स्थापना उप समाहर्ता व जिला शिक्षा पदाधिकारी को सदस्य नियुक्त किया है। डीएम ने जांच टीम को एक सप्ताह के अंदर शिक्षक नियोजन मामले में आदर्श आरक्षण रोस्टर व अन्य मामलों की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

बताते चलें की पंचायत शिक्षक नियोजन मामले में पूर्व नियोजित शिक्षकों की अनुशंसा रद्द करने के मामले को लेकर चयनित अभ्यर्थियों व शिक्षक संघ के द्वारा दो दिन तक डीईओ कार्यालय में काफी विरोध प्रदर्शन किया गया था। सोमवार को सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने डीईओ कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया था। इसके बाद मंगलवार को बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रधान सलाहकार अरविन्द कुमार सिंह के नेतृत्व में चयनित अभ्यर्थियों के एक शिष्टमंडल का डीईओ श्याम बाबू राम व सदर एसडीओ राकेश रमण के बीच तकरीबन एक घंटे तक वार्ता चली।

इसके बाद अभ्यर्थियों से कहा गया कि आपलोग एक मेमोरेंडम बनाकर दें। इसके बाद उसको प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेजा जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों ने कह था कि 52 नियोजन इकाई के 300 अभ्यर्थी के भविष्य का सवाल है। अगर उचित न्याय नहीं मिला तो न्यायालय का दरबाजा खटखटाएंगे।

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नियोजन में गड़बड़ी को लेकर डीईओ ने पूर्व में बनाई थी कमेटी​​

वहीं मामले पर डीईओ श्याम बाबू राम ने कहा था कि पंचायत नियोजन इकाई में गड़बड़ी को लेकर शिकायत मिली थी। इसके बाद तीन सदस्यी कमेटी बनाकर जांच करवाई गई थी। इसमें 49 में से 44 पंचायतों में नियम का उल्लंघन हुआ था। इसके बाद जांच रिपोर्ट को निदेशक प्राइमरी शिक्षा को भेज दिया गया है।

डीईओ ने बताया था कि जांच में त्रुटी पाई गई है। शेष पंचायत में नियोजन सही पाया गया है। इन पंचायत नियोजन इकाई में जहां नियोजन रद्द होगी, वहां पुराने आवेदन पर फिर से काउंसिलिंग होगी। नियोजन की अपनी प्रक्रिया है, इसके अनुसार ही होगा। डीईओ ने बताया कि गड़बड़ी नियोजन इकाई से हुई है। जब तक नियोजन प्रक्रिया रद्द नहीं हो जाती है, तब तक इनके विरुद्ध कुछ लिखा नहीं जा सकता है। प्रक्रिया रद्द होने के बाद उनके सक्षम अधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की बात कही थी।

Source-bhaskar