रहिका (मधुबनी)। प्रखंड क्षेत्र के सौराठ गांव में मैथिल ब्राह्मणों के वैवाहिक संबंधों का निर्धारण करने के लिए रविवार को विश्व प्रसिद्ध सौरथ सभा का उद्घाटन किया गया. बैठक कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 7 जुलाई तक चलेगी। पहले दिन सौरथ सभा समिति द्वारा परिसर में पौधरोपण किया गया। इस दौरान रामायण पारायण की शुरुआत हुई।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पूर्व कुलपति सह कार्यकारी कुलपति प्रो. जयप्रकाश नारायण झा ने कहा कि सौथ सभा मैथिल ब्राह्मणों का गौरव और पूर्वजों की विरासत है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। इसे बचाने की जरूरत है। रजिस्ट्रार मगन ठाकुर ने कहा कि रजिस्टर सिस्टम अभी भी है. बाहर से दूल्हा-दुल्हन पक्ष भी यहां मैट्रिमोनियल रजिस्टर का सिद्धांत लेने आते हैं। उसके बाद ही रिश्ता तय करें। समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत झा गुड्डू ने कहा कि इस साल कोरोना काल में दूर-दूर से सभाओं का जमावड़ा प्रभावित हो सकता है. सोमवार को यहां संगोष्ठी होगी।
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गौरतलब है कि इस वर्ष विधानसभा अवधि के दौरान पांच विवाह मुहूर्त हैं। इसके अलावा 27 जून, 28 जून, 1 जुलाई, 4 और 7 जुलाई को विवाह के लिए शुभ हैं। मिलन के बाद 14 व 15 जुलाई को भी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। 7 जुलाई को प्रसिद्ध गायक उदित नारायण झा सौरथ सभा के रजिस्टर कम्प्यूटरीकरण केंद्र का उद्घाटन करेंगे। रजिस्टर का कंप्यूटरीकरण डिजिटल इंडिया के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करेगा।
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