पटना। बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सभी दलों के नेताओं को आश्वस्त किया कि यह सीट सभी की रक्षक है। भय, लोभ और विकार से मुक्त, यह सबके लिए है। सरकार की सतर्कता और सदस्यों की संवेदनशीलता से सत्र सुचारू रूप से चले, यही उद्देश्य होना चाहिए। इससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होंगी। स्पीकर ने कहा कि सत्र हालांकि छोटा हो सकता है। लेकिन इसका महत्व बहुत बड़ा है। यदि सदन में जनहित के मामलों पर अधिक से अधिक चर्चा होगी तो जनहित के निर्णय भी लिए जा सकते हैं। विधायिका का एक सकारात्मक संदेश भी समाज में जाएगा।
अपने आचरण से गरिमा की रेखा खींचे
सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने और जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र को बचाने के लिए शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को अनुशासित करते हुए सदन की गरिमा को बरकरार रखा। और सीट। इसे अक्षुण्ण रखते हुए लोगों की आवाज बनने का आग्रह किया। कहा कि हम अपने आचरण से गरिमा की सबसे बड़ी रेखा खींच सकते हैं।
23 मार्च की घटना पर जताया खेद
संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आश्वासन दिया कि सरकार सदन में जनहित के सवालों का जवाब सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप देगी। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि सभी को संसदीय मर्यादा का पालन करना चाहिए और कार्रवाई एकतरफा नहीं होनी चाहिए। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने 23 मार्च को सदन में हुई घटना पर खेद जताया। विधायकों के अपमान को गंभीरता से लेने का आग्रह किया और सत्र को सुचारू रूप से चलाने में सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में मौजूद थे ये नेता
बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, विपक्ष के मुख्य सचेतक ललित कुमार यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, भाकपा-माले के महबूब आलम, एआईएमआईएम के अख्तरुल ईमान, भाकपा के राम रतन सिंह, भाकपा ने भाग लिया। (एम) के अजय कुमार, सत्तारूढ़ पार्टी के उप मुख्य सचेतक जनक सिंह और वीआईपी के स्वर्ण सिंह, बैठक के प्रभारी सचिव भूदेव राय के साथ उपस्थित थे।