सरकार लाना चाहती है BSNL में बदलाव की बयार, हो रही इस कंपनी के विलय की तैयारी

सरकार भारत ब्रॉडबैंड निगम लि.(BBNL) का घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में विलय करने की तैयारी कर रही है। बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह विलय इसी महीने होगा। उन्होंने हाल ही में अखिल भारती स्नातक इंजीनियर एवं दूरसंचार अधिकारी संघ (AIGTOA) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार बीएसएनएल को बदलाव का मौका दे रही है।

पुरवार ने बीते दिनों एआईजीटीओए के अखिल भारतीय सम्मेलन में कहा, ‘सरकार ने बीबीएनएल का बीएसएनएल में विलय करने का नीतिगत निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि अखिल भारतीय स्तर पर बीबीएनएल का सारा काम बीएसएनएल को मिलने वाला है।’

केंद्रीय दूरसंचार मंत्री के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए पुरवार ने कहा कि इस संबंध में उनकी एक घंटे तक बैठक हुई है। बीएसएनएल के पास पहले से ही 6.8 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) का नेटवर्क है।

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पुरवार ने कहा कि कंपनी को वित्त वर्ष 2021-22 में 17,000 करोड़ रुपये की सेवा आय अर्जित करने की उम्मीद है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से कॉल कनेक्ट शुल्क को हटाने के कारण आय में यह कमी होगी।

4जी सेवाओं से ग्राहकों पर बनेगी पकड़

पुरवार ने जोर देकर कहा कि सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी को अपना ग्राहक आधार बनाए रखने और आने वाले महीनों में शुरू होने वाली 4जी सेवाओं से अपनी पकड़ बनाए रखने का भरोसा है। उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं के लिए निजी दूरसंचार कंपनियों की प्रतिस्पर्धा तेज होने के बावजूद ऐसा होगा।

5जी सेवाएं लॉन्च होने से तत्काल नुकसान नहीं

पुरवार ने कहा कि निजी परिचालकों द्वारा 5जी पेशकशों की शुरुआत से बीएसएनएल को तत्काल नुकसान नहीं होगा, क्योंकि नए जमाने की सेवाओं के लिए उपकरण अभी विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल द्वारा 4जी सेवाएं शुरू करने की तैयारी अच्छी तरह से चल रही है। बीएसएनएल का 2022 में 4जी सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य है।

बना रहा है घाटा..

पुरवार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया, ‘हम चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 में स्थिर आय (सेवाओं से, अन्य आय को छोड़कर) को बनाए रखने में सक्षम हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में सेवाओं से 17,452 करोड़ रुपये की आय के मुकाबले, इस साल हम 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय हासिल करेंगे।’

उन्होंने कहा कि इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क को हटाने के कारण आय में कमी हुई है। बीएसएनएल का घाटा 2019-20 में 15,500 करोड़ रुपये था, जो 2020-21 में घटकर 7,441 करोड़ रुपये रह गया था। पुरवार ने कहा, ‘हमें चालू वित्त वर्ष में पिछले साल की तरह ही नुकसान की आशंका है।’