दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जिस पूर्व आइपीएस अधिकारी को आम आदमी का पुलिस वाला कहा था वह पंजाब से विधायक चुने जा चुके हैं। गोपालगंज के रहने वाले कुंवर विजय प्रताप को पंजाब सरकार में गृह मंत्रालय मिलने की चर्चा हो रही है।
विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने वहां के लोगों से कहा था कि बिहार-यूपी के भैया का समर्थन नहीं करना है। यह स्थानीय और बाहरी में भेदभाव करने वाला बयान था। पंजाब की जनता ने उनके इस बांटने वाले बयान को साफ तौर पर नकार दिया है। इस परिप्रेक्ष्य में बिहार के गोपालगंज के मूल निवासी और पूर्व आइपीएस अफसर कुंवर विजय प्रताप सिंह की पंजाब में आप विधायक के रूप में जीत साफ संदेश देती है कि पंजाब के लोगों को दिल बड़ा है और वे भेदभाव करना उन्हें पसंद नहीं है।
कुंवर विजय प्रताप की इस जीत को लेकर उनके गोपालगंज स्थित गांव में जश्न का माहौल है। लोगों को उम्मीद है कि वह पंजाब में मंत्री बनेंगे और बेहद अच्छा काम करेंगे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उन्हें आम आदमी का पुलिस वाला कहा था।
गांव से ही प्राप्त की प्रारंभिक शिक्षा :पंजाब के अमृतसर नार्थ विधानसभा सीट से जीते पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह का पैतृक घर गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड के करसघाट गांव में है। ग्रामीणों का कहना है कि विजय प्रताप बचपन से मृदुभाषी एवं पढ़ाई-लिखाई में मेहनती रहे हैैं।
इसी का परिणाम रहा कि करसघाट से पढ़ाई शुरू कर इस मुकाम तक पहुंचे। रामनाथ कुंवर के ज्येष्ठ पुत्र कुंवर विजय प्रताप ने पढ़ाई करसघाट से शुरू की। झझवा से मिडिल व शाहपुर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। पटना साइंस कालेज से इंटर व पटना यूनिवर्सिटी से बीए एवं एमए किया।
1998 बैच के आइपीएस अधिकारी रहे हैं:कुंवर विजय प्रताप सिंह 1998 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं। वह एमए, एलएलबी, एमबीए और पीएचडी हैं। पंजाब पुलिस के आइजी पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने सियासी मैदान में कदम रखा था। वह बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन पंजाबी पर उनकी अच्छी खासी पकड़ है। 2017 में पंजाबी फिल्म यारां दा यार में काम भी कर चुके हैं। पुलिस की नौकरी में उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल राजफाश किए। रिटायरमेंट से आठ साल पहले ही नौकरी छोड़ दी और 21 जून 2021 को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
उन्हें च्वाइन करवाने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल विशेष रूप से अमृतसर पहुंचे थे। 2002 में अमृतसर में बतौर एसपी सिटी-वन रहते हुए कुंवर तब सुर्खियों में आए, जब उन्होंने किडनी स्कैंडल का भंडाफोड़ किया। 2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी कांड के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए सरकार द्वारा पांच सदस्यीय एसआइटी गठित की गई, कुंवर विजय प्रताप ने इसके अहम सदस्य थे। आइजी अमृतसर बार्डर रेंज रहने के अलावा कुंवर विजय प्रताप जालंधर व लुधियाना में पुलिस कमिश्नर भी रह चुके हैं।
गांव से है लगाव, आते रहते हैं :उनके पिता रामनाथ कुंवर अच्छे किसान थे। रामनाथ कुंवर के छोटे भाई रामेश्वर कुंवर के बड़े बेटे मुन्ना कुंवर व रामेश्वर कुंवर की पत्नी उमरावती कुंवर पंचायत का प्रतिनिधित्व करती आई हैं। अभी मुन्ना कुंवर करसघाट के वर्तमान मुखिया हैं।
कुंवर विजय प्रताप के छोटे भाई रामबाबू कुंवर दवा व्यवसायी तथा बृजकिशोर कुंवर हैदराबाद में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में हैं। चचेरे भाई व मुखिया मुन्ना कुंवर बताते हैं कि कुंवर विजय प्रताप को गांव एवं घर से बड़ा लगाव है। वे शादी, उत्सव एवं त्योहारों में आते ही आते हैं। गांव वालों से भी जरूर मिलते हैं।