बिहार के कई शहरों में उचित पैसा देने के बाद भी ग्राहकों को नकली बाट के सहारे कम वजन में सब्जी, फल या अन्य सामान दिये जाते हैं. आप भी इन फर्जीवाड़ों को जान लें और ऐसे रहे सचेत..
अगर आप फल, सब्जी वगैरह खरीदते हैं तो निश्चिंत नहीं हो जाइये की उचित पैसे देकर आपको सही माप ही मिलेगा. दुकानदार आपसे पूरी कीमत लेकर भी कम वजन तौल कर ठगी कर रहे हैं. ग्राहक भी जाने-अनजाने ठगी के शिकार हो रहे हैं. जहानाबाद और भागलपुर में ऐसे मामले सरेआम पाए गये हैं जबकि कार्रवाई के बाद भी ये रुकने का नाम नहीं ले रहा.
इलेक्ट्रानिक मशीन पर जांच से खुलासा:प्रमुख कस्बों और ग्रामीण बाजारों में दुकानदारों द्वारा कीमत पूरी वसूलने के बाद भी कम वजन तौल कर ठगी की जा रही है. इसे रोकने के लिए संबंधित विभाग द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. जहानाबाद और अरवल जिले में 107 दुकानदारों पर पिछले एक वर्ष में कार्रवाई की गयी है, जिनमें हाल के दिनों में 17 दुकानदार शामिल हैं.
इन सभी से जुर्माना वसूला गया है. जिला मुख्यालय के कई हिस्सों में फुटपाथ दुकानदारों द्वारा प्रयोग किये जा रहे बटखरे का वजन ग्राहकों द्वारा इलेक्ट्रानिक मशीन पर जांच करने पर कम पाया गया. भागलपुर में स्टेशन के पास ठेले पर फल वगैरह बेचने वाले धड़ल्ले से गलत व फर्जी बाट का इस्तेमाल करते हैं.
बिना माप-तौल विभाग की सील के बाटों का इस्तेमाल:शिकायत करने वाले ग्राहकों को दुकानदार थोड़ा और देकर संतुष्ट कर देते हैं, लेकिन अधिकांश लोगों को दुकानदारों द्वारा ठगा जा रहा है.
वहीं कई जगह तो सब्जी बेचने वाले दुकानदार आधा किलो से लेकर दो किलो तक की तौल के लिए ईंट-पत्थर का भी उपयोग कर रहे हैं. अधिकांश दुकानदार जिन बाटों का प्रयोग कर रहे हैं, उस पर माप-तौल विभाग की सील भी नहीं लगी है. ऐसे में ग्राहकों के ठगे जाने का सिलिसला बेरोक-टोक जारी है.
पत्थरों का वजन अनुमान के आधार पर इस्तेमाल किया जा रहा:सब्जी दुकानदारों द्वारा प्रयोग किये जा रहे पत्थरों का वजन अनुमान के आधार पर इस्तेमाल किया जाता है. छोटा पत्थर ढाई सौ ग्राम तो बड़ा पत्थर आधा-एक किलो.
ऐसे में जो ग्राहक एक किलो की सब्जी खरीदते हैं. उन्हें असल में 800-850 ग्राम ही मिलता है. वहीं बिना सील वाली बटखरे का वजन भी मानक वजन से 50-100 ग्राम कम होता है.
क्या है नियम: कम वजन तौलने वाले दुकानदार पर विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के अंतर्गत माप-तौल विभाग को जुर्माना लगाना है. जुर्माना नहीं देने पर उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करानी है. दुकानदारों को हर वर्ष बटखरे का सत्यापन कराना है.
बटखरा घीस जाने के कारण औसतन एक वर्ष में 20 ग्राम वजन कम होता है. इस खामी को दूर करने के लिए पुराने बटखरों में रांगा भरकर उन्हें मानक के अनुरूप बनाया जाता है.
फोन या इमेल से भी दर्ज करा सकते हैं शिकायत: कोई भी ग्राहक या गैर सरकारी संगठन कम वजन तौलने की शिकायत माप-तौल विभाग को लिखित, फोन से या ई-मेल से भी दर्ज करा सकते हैं. रेस्टोरेंट या होटल से पैक करायी गयी खाने-पीने की चीजों पर यह नियम लागू नहीं होता. विभाग को शिकायत के 15 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता को यह बताना होता है कि शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई.
क्या कहते हैं पदाधिकारी..? समय-समय पर विभाग द्वारा निरीक्षण किया जाता है. मानक से कम वजन का बटखरा प्रयोग करते हुए पाये जाने पर जुर्माना लगाया जाता है. वहीं दुबारा ऐसा करते पकड़े जाने पर प्राथमिकी भी दर्ज करने का प्रावधान है. जहानाबाद-अरवल में एक वर्ष में 107 लोगों पर कार्रवाई की गयी है. -पवन कुमार ओझा, निरीक्षक, माप-तौल विभाग