पीयू व पीपीयू में स्नातक में कला, विज्ञान और वाणिज्य विषयों की मिटेगी दूरी

पटना: पटना विश्वविद्यालय व पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में अगले सत्र से ‘वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू हो जाएगा। इससे छह माह का सेमेस्टर सिस्टम होने के साथ-साथ कला, विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राएं भी एक-दूसरे के विषय का चयन कर सकेंगे। इससे साइंस, आर्टस और कामर्स की दूरी मिटेगी। पटना विश्वविद्यालय की ओर से सीबीसीएस लागू करने को लेकर सिलेबस तैयार कर एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट और सीनेट से पारित कर अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया है। वहां से हरी झंडी मिलने के साथ ही पटना विवि में सीबीसीएस लागू हो जाएगा। वहीं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में सीबीसीएस लागू करने को लेकर अगले हफ्ते कमेटी गठित की जाएगी। इसके बाद सिलेबस तैयार सीनेट व अन्य आवश्यक कार्रवाई को पूरा करते हुए राजभवन भेजा जाएगा। राजभवन से निर्देश मिलने के बाद अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा।

क्या है सीबीसीएस

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से सभी विवि को सीबीसीएस लागू करने का निर्देश काफी पहले दे चुका है। अभी पीजी में यह लागू है, अब इसे यूजी में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस सिस्टम में छात्रों के पास पाठ्यक्रम चयन के लिए कई विकल्प  होते है। इसमें छात्र अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ दूसरे विषयों का चुनाव कर पढ़ाई कर सकते है। इसमें उन्हें निर्धारित क्रेडिट मिलेगी। इसमें मूल्यांकन ग्रेडिंग के आधार पर किया जाता है। इस व्यवस्था में छात्रों को माइग्रेशन, ट्रांसफर आदि में कोई समस्या नहीं होती।

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यह है ग्रेडिंग प्रणाली 

सीबीसीएस प्रणाली के तहत 10 अंकों का ग्रेडिंग सिस्टम होता है। इसमें 10 ए पाने वाले सबसे बेहतर के श्रेणी में रखे जाते है। नौ ए पाने वाले बहुत बेहतर, आठ बी प्लस पाने वाले बेहतर, सात बी औसत से उपर, छह सी औसत, पांच पी छात्र पास, चार एफ पाने वाले अभ्यर्थी फेल तथा शून्य ग्रेड एबी अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी को दिया जाता है।