सर्वेक्षण में जमुई जिले के करमाटिया, झाझा और सोनो जैसे क्षेत्रों में सोने की मौजूदगी का संकेत मिला था. गया और औरंगाबाद जिले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी क्षेत्र में निकिल पाया गया है.
जमुई जिले में ‘देश के सबसे बड़े’ स्वर्ण भंडार को खोजने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जायेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के एक सर्वेक्षण के अनुसार जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क समेत लगभग 22.28 करोड़ टन सोने का भंडार मौजूद है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव सह खान आयुक्त हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि राज्य का खान और भूतत्व विभाग जमुई में सोने के भंडार की खोज के लिए जीएसआइ और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) सहित अन्वेषण में लगी अन्य एजेंसियों के साथ परामर्श कर रहा है. उन्होंने बताया कि जीएसआइ के निष्कर्षों का विश्लेषण करने के बाद परामर्श प्रक्रिया शुरू की गयी है.
सर्वेक्षण में जमुई जिले के करमाटिया, झाझा और सोनो जैसे क्षेत्रों में सोने की मौजूदगी का संकेत मिला था. जानकारी के अनुसार गया और औरंगाबाद जिले की सीमा पर मदनपुर प्रखंड के डेंजना और आसपास के इलाकों में करीब आठ वर्ग किमी क्षेत्र में निकिल पाया गया है. इसका इस्तेमाल हवाई जहाज और मोबाइल में बड़े स्तर पर किया जाता है.
रोहतास जिले में भारी मात्रा में पोटाश…रोहतास जिले में करीब 25 वर्ग किमी इलाके में पोटाश पाया गया है. इसमें रोहतास जिले का नावाडीह प्रखंड में 10 वर्ग किमी, टीपा प्रखंड में आठ किमी और शाहपुर प्रखंड में सात किमी का इलाका शामिल है. पोटाश का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर औषधि और रासायनिक खाद में होता है.
कोयला, निकिल और क्रोमियम का भी भंडार…बिहार में सोना के अलावा निकिल, क्रोमियम, पोटाश और कोयला के भी भंडार है. जमुई में सोना, औरंगाबाद में निकिल और क्रोमियम, गया में पोटाश और भागलपुर में कोयला के बड़े भंडार का भी पता चला है.
भागलपुर में कोयले की खान…सूत्रों के अनुसार भागलपुर के पीरपैंती और कहलगांव के आसपास मौजूद कोयले का ग्रेड जी-12 उपलब्ध है. यहां करीब 850 मिलियन टन कोयले के भंडार का अनुमान है.