जयनगर (मधुबनी) :- इस बार रामनवमी को लेकर जयनगर से जनकपुर तक उल्लास है। आम लोगों के अलावा व्यापारियों में भी खुशी है। बीते दो वर्षों में कोरोना काल में सीमा पर लागू बंदिशों के खत्म होने और जयनगर-कुर्था रेलखंड पर ट्रेन परिचालन शुरू होने से जनकपुर आना-जाना बेहद आसान हो गया है।
आठ वर्ष पूर्व जब छोटी लाइन की ट्रेन सेवा बहाल थी, उस समय रामनवमी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जनकपुर जाते थे। 2014 में ट्रेन बंद होने के बाद इनकी संख्या में गिरावट आने लगी। इस बार रामनवमी में श्रद्धालुओं में ट्रेन का आकर्षण है।
जयनगर से भारतीय 44 रुपये का टिकट लेकर जनकपुर पहुंचा जा सकता है। नेपाल के व्यवसायियों की मानें तो रामनवमी में जयनगर और आसपास के इलाके से 10 से 15 हजार श्रद्धालु जानकी मंदिर पहुंचते हैं। इनके अलावा मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, पटना और सिवान के यात्री भी आते हैं।
ट्रेन नहीं चलने से पहले जयनगर से जटहीं बार्डर और वहां से जनकपुरधाम जाना पड़ता था। इसमें कम से कम 200 रुपये खर्च करने पड़ते थे। साथ ही समय भी तीन से चार घंटे लगते थे। ट्रेन से दूरी डेढ़ घंटे की रह गई है। श्रद्धालुओं का कहना है कि ट्रेन चलने से रामनवमी में एक बार फिर पहले जैसी रौनक होगी।
ट्रेन का फेरा बढ़ाने की मांग :- रामनवमी के अवसर पर इस बार बड़ी संख्या में भारतीय श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद पाले जनकपुर के व्यापारियों में भी खुशी देखी जा रही है। जनकपुर के धर्मवीर झा, लाला गोइत बताते हैं कि कोरोना काल में यहां सन्नाटा रहा। इस बार अच्छे व्यवसाय की उम्मीद जगी है।
बाहर के श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। जयनगर से प्रतिदिन एक हजार यात्री जनकपुरधाम पहुंच रहे हैं। रामनवमी में यह संख्या और बढ़ जाएगी। उधर, नेपाल के व्यवसायियों ने बढ़ती भीड़ को देखते हुए यातायात एवं परिवहन मंत्री रेणु यादव से मिलकर ट्रेनों का फेरा बढ़ाने की मांग की है।