आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जै कन्हैया लाल की से गूंजेंगे मंदिर

सासाराम : सोमवार को मनाए जाने वाले श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी पूरी कर ली गई है। डेढ़ साल के बाद यह पहला मौका है जब मंदिरों में जन्माष्टमी पर पूजा होगी। कारण कि कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष मार्च से ही धार्मिक स्थलों को सार्वजनिक तौर पर पूजा को लेकर बंद कर दिया गया था। इसलिए डेढ़ वर्ष बाद जै कन्हैया लाल की मदना गोपाल की से मंदिर गुंजायमान होंगे। ताराचंडी धाम, कुराईच महावीर मंदिर, शुकुल जी की मंदिर समेत अन्य मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को ले विशेष तैयारी की गई है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को ले चारों तरफ तैयारी चल रही है। हर तरफ उल्लास का माहौल है। शहर से लेकर गांव तक लोगों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को ले उमंग है। रविवार को कान्हा की मूर्ति व पूजा सामग्री खरीदने वालों की भीड़ रही। खीरा व फलों के दाम में अचानक वृद्धि हो गई है। वहीं मूर्तिकार भी श्रीकृष्ण की मूर्ति को देर शाम तक सजाने व संवारने काम में जुटे रहे। युवाओं की टोली मूर्ति खरीदकर देर रात तक अपने गांव व उस स्थल तक पहुंचे जहां पूजा होने वाली है। सरकार द्वारा पूरी तरह से अनलाक किए जाने के बाद मंदिरों में पूजा-पाठ करने की भी छूट मिल गई है। बावजूद पूजा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन न हो इस पर भी ध्यान देने का निर्देश मंदिर प्रबंधन को दिया गया है।

चेनारी वीएस कालेज के प्राध्यापक व धर्म अनुष्ठान के जानकार प्रो. डा. श्रीधर मिश्र की माने तो इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर कई विशेष संयोग बन रहे हैं। 101 साल बाद जयंती योग का संयोग बनने जा रहा है। इसके अलावा इस दिन सोमवार भी है तो यह काफी शुभ माना जा रहा है। श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, तो इस बार भी जन्माष्टमी पर कृष्ण जी के जन्म के समय रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी, जिससे जयंती योग का निर्माण होता है। इसके अलावा वृष राशि में चंद्रमा रहेगा।

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