पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार के गोपालगंज, समस्तीपुर और चंपारण में पिछले पांच दिनों में शराब से हुई मौत के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह एक संस्थागत हत्या है क्योंकि सरकार की शराब कारोबारियों के साथ मिलीभगत है. तेजस्वी ने राज्य सरकार पर शराब तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि कांस्टेबल और चौकीदार को बर्खास्त करना शराब पर प्रतिबंध नहीं है. शराबबंदी एवं आबकारी एवं पुलिस के किसी भी आला अधिकारी को आज तक बर्खास्त नहीं किया गया है, क्योंकि सरकार शीर्ष लोगों की मिलीभगत के बिना शराब नहीं बेच सकती है.
तेजस्वी ने पूछा कि क्या यह सच नहीं है कि थानों से शराब बेची जा रही है. क्या यह सच नहीं है कि आयोग सत्ताधारी दल के वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं तक पहुंच रहा है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शराब माफिया की मुख्यमंत्री आवास तक सीधी पहुंच है. शराबबंदी के नाम पर मुख्यमंत्री द्वारा की गई समीक्षा बैठकों के परिणाम अब तक शून्य रहे हैं, लेकिन तस्करों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।
शराबबंदी पर बीजेपी के बयान से सरकार में मतभेद : राजद
शराबबंदी पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के बयान के बाद राजद ने भी सरकार को घेर लिया है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जायसवाल ने शराब कारोबार में पुलिस की संलिप्तता स्वीकार कर प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. इससे यह भी साबित होता है कि शराबबंदी को लेकर सरकार के भीतर ही मतभेद है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जायसवाल ने अपने बयान से न केवल विपक्ष के आरोपों की पुष्टि की है, बल्कि राज्य सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया है. समस्तीपुर में शराब से चार लोगों की मौत ने साबित कर दिया है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है. इसके लिए खुद सरकार जिम्मेदार है। इस तरह की घटनाओं के लिए छोटे कर्मियों को बलि का बकरा बनाया गया है और घोषणा के अनुसार एक भी डीएम और एसपी और बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई.