पटना। Bihar Politics राजद विधायक और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में नीतीश सरकार के 16 साल को पूरी तरह विफल करार दिया है। उन्होंने इस खास मौके पर जदयू की ओर से आयोजित कार्यक्रमों को ‘विफलता का जश्न’ नाम दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 21 सवाल पूछते हुए कहा है कि जनहित में उन्हें इन सवालों का जवाब जरूर ही देना चाहिए। उन्होंने अपने सवालों की शुरुआत गरीबी और राेजगार के मसले से की है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की आबादी में 60 फीसद आबादी युवाओं की है और ये युवा लगातार अपनी योग्यता और शिक्षा से कम स्तर की नौकरी के लिए राज्य से बाहर जाने के लिए विवश हैं।
बिहार के हर दूसरे परिवार का कमाऊ पूत राज्य के बाहर
तेजस्वी ने कहा कि बिहार के हर दूसरे परिवार का कमाऊ पूत राज्य से बाहर जाने के लिए विवश है। नीतीश सरकार को अपनी हर नाकामी के लिए पिछली सरकारों पर ठीकरा फोड़ने की बजाय अपने कार्यकाल का हिसाब देना चाहिए। गत 10 वर्षों में बिहार में पलायन दर में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार के पिछड़ने पर भी उन्होंने सरकार को घेरा है।
दो लाख करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बड़ी का लगाया है आरोप
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी मानक संस्थाओं जैसे एनसीआरबी, एनआरएचएम, एनएचएम, एनएसएसओ एवं नीति आयोग के लिहाज से बिहार की हालत सही नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी और कानून व्यवस्था की स्थिति सबसे बदतर है। सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दो लाख करोड़ रुपये का हिसाब-किताब गायब होने का संगीन आरोप भी उन्होंने लगाया है। उन्होंने कहा कि सात-आठ साल से सरकार उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे पा रही है।
तेजस्वी ने सीएम पर कुर्सी बचाए रखने के लिए बार-बार गठबंधन बदलने का आरोप लगाया है। परीक्षा के पेपर लीक होने, विकास के मानकों पर पिछड़ने, दलितों पर कर्म खर्च करने, 30 हजार करोड़ रुपए के 76 घोटाले, नल-जल योजना में भ्रष्टाचार, थानों और प्रखंड कार्यालयों में भ्रष्टाचार, शराबबंदी के फेल होने, कल-कारखानों के बंद होने जैसे मसलों पर भी सरकार को घेरा है।