छठ महापर्व को लेकर अफसरों की टीम ने किया गंडक घाट का निरीक्षण

लालगंज : महापर्व छठ को लेकर सीओ पंकज कुमार, थानाध्यक्ष सीबी शुक्ला, मुखिया गणेश राय, सरपंच अनिल राय समेत कई लोगों ने बसंता जहानाबाद घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान नारायणी नदी में लगातार हो रहे कटाव के कारण छठव्रतियों को छठ करने के लिए किधर अनुमति दिया जाए और किधर प्रतिबंधित किया जाए इस पर गहन विचार विमर्श किया गया। इस दौरान स्थानीय विपिन कुमार तुलसी, सुजीत कुमार, उमेश कुमार, मनोज राय, विनोद राय, कुणाल राय, संजय सहनी, भोला सहनी समेत कई लोगों ने सीओ को बताया कि नदी में कटाव के कारण संध्या अ‌र्घ्यदान के दो दिन पूर्व हीं यह तय हो पाएगा कि किस क्षेत्र को प्रतिबंधित किया जाए और कहां व्रतियों को छठ करने की अनुमति दी जाए। स्थानीय लोगों ने छठ घाट पर चेंजिग रूम, लाइट और कंट्रोल रूम जैसी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की।

देसरी में छठ घाट और रास्ते की साफ-सफाई में जुटे श्रद्धालु संवाद सूत्र, देसरी : महापर्व छठ की तैयारी को लेकर ग्रामीण लोग प्रखंड के देसरी, उफरोल, जफराबाद, धर्मपुर, जहाँगीरपुर, आजमपुर, रसलपुर, भिखनपुरा आदि पंचायतों में स्थित पोखर एवं घाघरा नहर के किनारे साफ-सफाई करना शुरु कर दिया है। घाटों पर व्रतियों को आने में परेशानी नहीं हो इसके लिए रास्ते की भी साफ-सफाई हो रही है। पोखर एवं नहर पर बिजली की व्यवस्था होने के बावजूद जेनरेटर की व्यवस्था की जा रही है। इस बार हर जगह बाढ़ के पानी से जल जमाव होने से कहीं पानी की किल्लत नही है। जल जमाव से छठ के पूजन सामग्री बनाने के लिए मिट्टी से चुल्हा बनाने में परेशानी हो रही है। इससे बचने के लिए सम्पन्न लोग मेटल से बने चुल्हा खरीद रहे हैं। तो सामान्य छठव्रती ईंट से चुल्हा बनाकर जलावन से प्रसाद पकाने की बातें कह रही हैं। बाढ़ से ईख की खेती भी बर्बाद हुई है, इस कारण छठ पूजा में ईख का अभाव रहेगा। गुड़ मंहगे होंगे, जिससे व्रतियों को चीनी के सहारे ही पर्व मनाने की मजबूरी हो सकती है। बाढ़ में तालाबों के डूबे रहने से इस बार घरों पर ही मनेगी छठ

भगवानपुर : प्रखंड में लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारी जोरों पर है। अतिवृष्टि के कारण आज भी यहां के अनेक तालाब पानी में डूबे हुए है। लोग तालाबों के बजाए अपने दरवाजे पर ही छोटी तालाब का निर्माण कर छठ पर्व का अ‌र्घ्यदान करेंगे। प्रखंड मुख्यालय के कर्मी त्रिस्तरीय चुनाव के कारण उसकी तैयारी में लगे हैं। इस कारण इस वर्ष छठ घाटों की साफ-सफाई नही हो पा रही है। व्रतियों या जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ही घाट का निर्माण हो पाएगा। कोरोना जैसी महामारी के कारण लोग अपने दरवाजे पर ही पूजा करने का मन बना रहे हैं। प्रखंड के रहसा नहर, अकवर मलाही तालाब और रतनपुरा गोपिया तालाब सहित दर्जनों तालाब है जहां छठ पर्व पर कई गांव के व्रती जुटते हैं। सामाजिक स्तर पर घाटों के साफ-सफाई एवं सौदर्यीकरण की योजना स्थानीय स्तर पर की जा रही है।

Whatsapp Group Join
Telegram channel Join