पटना। छठे चरण के शिक्षक नियोजन के प्रथम चरण की काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया है कि प्रथम चरण की काउंसलिंग में चयनित अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने का मौका नहीं दिया जाएगा. ऐसा करने पर उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर इस आशय का औपचारिक निर्देश जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि काउंसलिंग के बाद जारी चयन सूची की समीक्षा की जा रही है।
विशेष रूप से तीन तीन बिंदुओं पर जांच चल रही है। पहली बात यह है कि आरक्षण के नियम का पालन हुआ या नहीं। दूसरा, मेरिट अंकों में हेराफेरी से जुड़े मामले और तीसरे कई अन्य प्लेसमेंट इकाइयों में एक ही उम्मीदवार के नाम शामिल करने के मामले की जांच की जा रही है.
गौरतलब है कि देखा जा रहा है कि काउंसलिंग के समय अंतिम चयन सूची में अधिक या कम या वास्तविक अंक दर्शाए जाते हैं। इस तरह की आशंका को देखते हुए विभाग दस्तावेज की बहुत सावधानी से जांच कर रहा है।
इस मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने शुक्रवार को डीईओ, डीपीओ व अन्य विशेषज्ञों के साथ समीक्षा की है. प्राथमिक निदेशक ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में दोषी पाए जाने वाली सभी योजना इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इन मामलों में यह है शिक्षा विभाग का स्टैंड
चयन सूची में नाम/पिता में टंकण की गलती है, जिसका मिलान कर आवेदन के आधार पर सुधार किया जाएगा।
अंतिम मेरिट सूची का प्रकाशन शुक्रवार को ही एनआईसी पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।
कुछ नियोजन इकाइयों की काउंसलिंग के बिना मेरिट सूची एनआईसी पर अपलोड कर दी गई है, इसे रद्द कर दिया गया है।