Holi 2022: उत्तर बिहार में लोक गीतों में दिखता है होली का रंग

IMG 20220319 124416 compress53

मुजफ्फरपुर। ‘बमभोले बाबा कहां रंगेलय पगडिय़ा। फागुन मास भोला गेला ससुररिया, ओहि में रंगा गेल चुनरिया, बम भोले बाबा…Ó। ‘रामजी के हाथ कनक पिचकारी, सियाजी के हाथ अबीर के झोली…Ó, ‘मिथिला में राम खेलैथ होली…। मिथिला की होली में इन लोक गीतों का बड़ा महत्व है। इसमें भगवान शिव के साथ हंसी-मजाक के भाव हैं … Read more