मुजफ्फरपुर। आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) रजनीश लाल की सास सरस्वती देवी का आवेदन विशेष अदालत (निगरानी) ने खारिज कर दिया है। इस पर पिछले हफ्ते विशेष अदालत में सुनवाई हुई थी। अर्जी में उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि निगरानी जांच ब्यूरो को उनका बैंक लॉकर खोलने की इजाजत न दी जाए।
उनका बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा, पटना की शाखा में है। वहीं निगरानी जांच ब्यूरो की ओर से सरस्वती देवी का लॉकर खोलने की अनुमति के लिए विशेष अदालत में अर्जी दाखिल की गई है। यह अर्जी सुनवाई पर है।
ब्यूरो पर शक, निलंबित डीटीओ की अवैध संपत्ति लॉकर में बंद: सरस्वती देवी की अर्जी के जवाब में विशेष लोक अभियोजक (निगरानी) अरुण कुमार चौधरी ने विशेष अदालत में दलील दी थी कि वह अपनी बेटी राखी लाल को लेकर आए थे। बनाया जा चुका। राखी लाल निलंबित डीटीओ रजनीश लाल की पत्नी हैं। यह लाने वाला सरस्वती देवी और उनके पति के संयुक्त नाम से है। ब्यूरो को शक है कि निलंबित डीटीओ की अवैध कमाई की संपत्ति इसी लॉकर में बंद है। बचाव पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता प्रिया रंजन अनु ने दलील दी थी कि सरस्वती देवी के पति डीएसपी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ब्यूरो बेवजह उनके पुश्तैनी और ससुराल वालों की संपत्ति जब्त करना चाहता है। ससुर, एक सेवानिवृत्त अधिकारी की संपत्ति को निलंबित डीटीओ की संपत्ति से कैसे जोड़ा जा सकता है।
ये है मामला : निगरानी जांच ब्यूरो ने 23 और 24 जून को तत्कालीन डीटीओ रजनीश लाल के पटना और मुजफ्फरपुर आवासों पर छापेमारी की थी. इसमें पटना में दो और मुजफ्फरपुर में एक घर शामिल है। जांच के बाद सर्विलांस इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ने निलंबित डीटीओ की एक करोड़ 24 लाख की संपत्ति को अवैध करार दिया था।