सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बिटक्वाइन पर अपना रुख स्पष्ट करे सरकार, भारत में यह वैध है या नहीं?

सरकार की ओर से अदालत में पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने पूछा कि क्या यह अवैध है या नहीं? आपको अपना मत स्पष्ट करना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार से आभासी मुद्रा बिटक्वाइन को लेकर रुख स्पष्ट करने को कहा है. सर्वोच्च अदालत ने सरकार से सवाल पूछा है कि भारत में बिटक्वाइन वैध है या नहीं? भारत में बिटक्वाइन के जरिए धोखाधड़ी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से आभासी मुद्रा की वैधता को लेकर सवाल पूछे हैं.

सरकार की ओर से अदालत में पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने पूछा कि क्या यह अवैध है या नहीं? आपको अपना मत स्पष्ट करना होगा. सुप्रीम कोर्ट बिटक्वाइन घोटाले के एक आरोपी अजय भारद्वाज की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. भारद्वाज पर अपने भाई अमित के साथ मिलकर निवेशकों को भारी रिटर्न का वादा कर बहुस्तरीय मार्केटिंग स्कीम चलाने का आरोप है.

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बताते चलें कि संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का सालाना आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों पर भी टैक्स लगाने की बात कही थी. वित्त मंत्रालय के अनुसार, वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई. किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर की दर 30 फीसदी होगी.

क्या भारत में वैध है बिटक्वाइन?

क्या भारत में आभासी मुद्रा बिटक्वाइन वैध है? यह सवाल हमेशा खड़े होते हैं. बजट सत्र के दौरान ही संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों का टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि इससे उसे देश में कानूनी दर्जा नहीं मिलता है. उन्होंने कहा था कि यह क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन पर टैक्स लगाने का देश का संप्रभु अधिकार है. हालांकि, नियमन पर कोई आधिकारिक रुख केवल तभी आएगा, जब मौजूदा विचार-विमर्श पूरा हो जाएगा.