जाड़े में धूप सेंकना बिहार के शिक्षकों को पड़ गया महंगा…
सर्दियों में धूप सेंकना किसे पसंद नहीं है? लेकिन बिहार के सरकारी शिक्षकों को सर्दी की धूप सेंकना महंगा पड़ गया है. शिक्षकों पर धूप में बैठ कर बातचीत करने का आरोप लगाया गया है कि वे काम में लापरवाही बरत रहे हैं.
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शिक्षा पदाधिकारी के आदेश पर अगले आदेश तक उनका वेतन रोकने का भी निर्देश जारी किया गया है. साथ ही इस पूरे मामले में सर्दी के मौसम में धूप सेंक रहे शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
दरअसल, बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर केके पाठक के आने के बाद से लगातार कई ऐसे आदेश सामने आ रहे हैं, जिससे विवाद बढ़ गया है. वहीं शिक्षा विभाग के आदेशों में शिक्षकों को लेकर कई सख्त निर्देश शामिल हैं. इसी क्रम में मधुबनी से जो मामला सामने आया है वह अपने आप में हैरान करने वाला है. बताया जाता है कि यहां निर्धारित समय सारणी के अनुसार शिक्षक अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को छोड़कर धूप में बैठे थे और एक-दूसरे से बात कर रहे थे।
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पूरे मामले पर मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संज्ञान लिया है. डीईओ की कार्रवाई में कहा गया है कि 13 दिसंबर को अपराह्न 02:05 बजे प्राथमिक विद्यालय गोहनपुर तेतराहा, प्रखंड-पंडौल के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सभी कार्यरत शिक्षक निर्धारित समय पर शैक्षणिक कार्य छोड़ रहे थे. मेज और धूप में बैठे. मैं बात कर रहा था। साथ ही विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों द्वारा बताया गया कि विद्यालय में कार्यरत टोला सेवक भी समय पर विद्यालय में नया नामांकन नहीं करते हैं और न ही उपेक्षित बच्चों को विद्यालय लाते हैं. कार्यरत शिक्षक एवं टोला सेवक का यह कृत्य विभागीय आदेश की अवहेलना, मनमानी एवं कार्य के प्रति लापरवाही का द्योतक है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए उक्त विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित सभी कार्यरत शिक्षकों एवं टोला सेवकों का वेतन दिनांक 13.12.2023 को अगले आदेश तक स्थगित करने का निर्देश दिया है. उनसे 14 दिसंबर शाम 05:00 बजे तक अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.